बिहार चुनाव: एसआईआर में 95.92 प्रतिशत वोटर हुए शामिल, 6 दिन शेष

पटना, 19 जुलाई . बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए सिर्फ 6 दिन शेष बचे हैं. राज्य में अब तक 95.92 प्रतिशत गणना प्रपत्र एकत्रित हो गए हैं. अब सिर्फ 32,23,023 या 4.08 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त होने बाकी हैं.

हर एक छूटे हुए मतदाता तक पहुंचने के लिए मिशन मोड में एसआईआर मुहिम जारी है. बीएलओ और राजनीतिक दलों के बीएलए सभी ऐसे छूटे हुए मतदाताओं को ढूंढने में लगे हैं. चुनाव आयोग का ध्येय है कि हर योग्य मतदाता सूची में शामिल हो.

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, बिहार के 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,15,82,007 या 90.64 प्रतिशत ईएफ जमा हो चुके हैं. डिजिटाइज्ड किए गए गणना फॉर्म 6,96,93,844 या 88.25 प्रतिशत हैं. जहां 41,64,814 या 5.27 प्रतिशत वोटर अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए तो वहीं 14,29,354 या 1.81 प्रतिशत वोटर मृत पाए गए. संभवतः स्थायी रूप से स्थानांतरित निर्वाचक 19,74,246 या 2.50 प्रतिशत हैं. एक से अधिक स्थानों पर चिह्नित नामांकित निर्वाचक 7,50,213 या 0.95 प्रतिशत हैं. जिन मतदाताओं का पता नहीं चल पा रहा है, उनकी संख्या 11,000 या 0.01 प्रतिशत है. एसआईआर में कुल सम्मिलित मतदाता 7,57,46,821 या 95.92 प्रतिशत हैं.

बिहार में हो रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान पूरा चुनावी तंत्र, अर्थात लगभग 1 लाख बीएलओ, 4 लाख वॉलंटियर्स, राजनीतिक पार्टियों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट और उनके जिला अध्यक्ष, सभी साथ मिलकर मिशन मोड में काम कर रहे हैं, ताकि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में किसी भी योग्य मतदाता का नाम न छूटे. अभी भी एन्यूमरेशन फॉर्म भरने में 6 और दिन बाकी हैं और बचे हुए लगभग 32 लाख मतदाताओं को जोड़ने के लिए आयोग यथासंभव कोशिश कर रहा है.

बीएलओ पहले ही तीन से भी अधिक बार घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर चुके हैं. इन छूटे हुए मतदाताओं से संपर्क करने के लिए बीएसओ का एक और दौरा सहित पूरे चुनावी तंत्र का संगठित प्रयास भी शुरू किया जा चुका है. अस्थायी रूप से देश के विभिन्न हिस्सों में गए बिहार के मतदाताओं को शामिल करने के लिए भी चुनाव आयोग देशव्यापी विज्ञापन सहित सभी संभव माध्यमों से उन्हें सूचित कर रहा है. बचे हुए शहरी मतदाताओं को जोड़ने के लिए सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं.

डीकेपी