नई दिल्ली, 30 अप्रैल . पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने ग्रामीण और वंचित परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी, जिसके 9 वर्ष पूरे हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से की थी. पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन के इस्तेमाल से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में यह योजना उन ग्रामीण और वंचित परिवारों के लिए एक वरदान बनी है, जो खाना पकाने के लिए ईंधन के रूप में जलावन, लकड़ी, कोयला, गोबर के उपलों, का इस्तेमाल करते थे.
पीएमयूवाई का उद्देश्य गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना डिपॉजिट के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करवाना है. इस योजना के साथ केंद्र सरकार स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है.
पीएमयूवाई योजना के पहले चरण में मार्च 2020 तक वंचित परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि, इस लक्ष्य को समय से पहले ही प्राप्त कर लिया गया. पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 7 सितंबर 2019 को 8 करोड़वां एलपीजी कनेक्शन सुपुर्द किया.
शेष गरीब परिवारों तक इस योजना के जरिए मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने अगस्त 2021 में दूसरा चरण ‘उज्ज्वला 2.0’ लॉन्च किया था. योजना के दूसरे चरण ‘उज्ज्वला 2.0’ में प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधा के साथ पीएमयूवाई योजना के तहत 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन के अतिरिक्त आवंटन का लक्ष्य रखा गया.
‘उज्ज्वला 2.0’ के तहत कनेक्शन की लक्ष्य संख्या दिसंबर 2022 के दौरान हासिल की गई, इस प्रकार योजना के तहत कुल कनेक्शन 9.6 करोड़ हो गए. इसके अलावा, भारत सरकार ने पीएमयूवाई योजना के तहत अतिरिक्त 75 लाख कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दी है, जिससे योजना के तहत कुल लक्ष्य अब 10.35 करोड़ हो गया है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 1 मार्च तक पूरे भारत में 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन मौजूद हैं. इसके अलावा, 1 अप्रैल 2022 तक जारी किए गए 8.99 करोड़ कनेक्शनों में से 8.34 करोड़ लाभार्थियों ने अप्रैल 2022 और मार्च 2024 के बीच पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान कम से कम एक रिफिल का लाभ उठाया है.
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एसकेटी/एबीएम