नई दिल्ली, 7 फरवरी . भारतीय रेलवे ने विकास के पथ पर कदम बढ़ा दिए हैं. मोदी सरकार के एजेंडे में रेलवे का विकास भी प्राथमिकता में है. रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण, वर्ल्ड क्लास स्टेशनों का निर्माण, रेलवे स्टेशनों और खासकर ट्रेनों की साफ-सफाई, रेलवे ट्रैकों का विद्युतीकरण, नए रेलवे ट्रैक बिछाना आदि के साथ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुपर फास्ट ट्रेनों के परिचालन पर भी सरकार का जोर रहा है.
ऐसे में रेल मंत्रालय की मानें तो 31 जनवरी 2024 तक 82 वंदे भारत ट्रेन भारतीय रेलवे में शामिल कर दी गई हैं. जिसके जरिए ब्रॉड गेज (बी.जी.) विद्युतीकृत नेटवर्क वाले राज्यों को जोड़ा गया है. इसके अलावा, वंदे भारत ट्रेन की संख्या को विस्तार देने के साथ इसमें अन्य नई सुविधाओं को जोड़ने पर भी काम जारी है.
रेलवे की तरफ से 10,981 किलोमीटर से ज्यादा रेल मार्गों पर ट्रेन की गति को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा, मौजूदा नई दिल्ली-मुंबई (वडोदरा-अहमदाबाद सहित) और नई दिल्ली-हावड़ा (कानपुर-लखनऊ सहित) मार्गों पर ट्रेन की गति को 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए काम शुरू किया गया है.
रेल मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वंदे भारत ट्रेनों की कुल ऑक्यूपेंसी 96.62% है. वंदे भारत ट्रेनों की सुविधाओं को और उन्नत बनाए जाने पर काम किया जा रहा है. अभी भी ये ट्रेनें पूरी तरह से यात्रियों की आरामदायक यात्रा, उनकी सुरक्षा, स्वचालित दरवाजे, बेहतरीन सीटों के साथ ही आरामदायक बैठने की व्यवस्था, मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग के लिए प्रत्येक सीट के साथ सॉकेट के साथ ही कवच प्रणाली से सुसज्जित है. रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
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जीकेटी/एबीएम