नई दिल्ली, 13 मार्च . भारत में लगभग 78 प्रतिशत एम्प्लोयर 2025 में ब्लू-कॉलर रोल्स के लिए अधिक महिलाओं को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 73 प्रतिशत थी. गुरुवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
जॉब प्लेटफॉर्म इनडीड की रिपोर्ट के अनुसार, देश में ब्लू-कॉलर जॉब्स में 20 प्रतिशत महिलाएं हैं.
रिटेल और हेल्थकेयर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 32 प्रतिशत है, जो कि सबसे ज्यादा है. जबकि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस और इंश्योरेंस (बीएफएसआई), इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) और टेलीकम्युनिकेशन जैसी इंडस्ट्री में महिलाओं की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है.
रिपोर्ट के अनुसार, कुछ सेक्टर ने बेहतर प्रगति की है क्योंकि एम्प्लॉयर (नियोक्ता) देश के ब्लू-कॉलर वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी को बदलने के लिए एक मजबूत इरादा दिखा सकते हैं.
अधिक महिलाओं द्वारा ब्लू-कॉलर नौकरियों की तलाश करने का एक प्रमुख कारण फाइनेंशियल स्वतंत्रता है. करीब 70 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि ये उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित करेगा.
इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, “बिजनेस अधिक महिलाओं को काम पर रखने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन असल प्रगति बेहतर रिटेंशन रणनीतियों, करियर ग्रोथ के अवसरों और नीतियों पर निर्भर करती है जो फाइनेंशियल सुरक्षा, फ्लेक्सिबिलिटी और हेल्थकेयर सुनिश्चित करती हैं.”
उन्होंने कहा कि एम्प्लॉयर्स को ब्लू-कॉलर महिलाओं के लिए कौशल, सलाह और नेतृत्व में निवेश करना चाहिए.
कुमार ने कहा, “आज महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना विविधता से कहीं अधिक है, यह एक आर्थिक जरूरत है.”
इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने बताया कि सामाजिक कल्याण लाभों तक पहुंचने के लिए 30.68 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है.
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के अनुसार, उनमें से आधे से अधिक 53.68 प्रतिशत महिलाएं हैं.
डेटा 3 मार्च तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को उजागर करता है.
सरकार ने असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने और उन्हें यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्रदान करने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया.
इस पहल का उद्देश्य निर्माण, घरेलू काम और स्ट्रीट वेंडिंग जैसे सेक्टर में काम करने वाले श्रमिकों को अलग-अलग कल्याणकारी लाभों तक पहुंचने में मदद करना है.
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एसकेटी/केआर