New Delhi, 12 अगस्त . लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2016 में शुरु हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत अब तक 78.41 करोड़ आवेदनों का बीमा हुआ है और 1.83 लाख करोड़ रुपए के दावों का भुगतान हुआ है.
किसानों का नामांकन 2022-23 के 3.17 करोड़ से 32 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 4.19 करोड़ हो गया है, जो योजना की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है.
18 फरवरी, 2016 को शुरू की गई पीएमएफबीवाई का उद्देश्य किसानों को एक सरल, किफायती और व्यापक फसल बीमा समाधान प्रदान करना है.
यह योजना किसानों को सूखा, बाढ़, चक्रवात, ओलावृष्टि, कीटों के हमले और पौधों की बीमारियों जैसे अपरिहार्य प्राकृतिक जोखिमों से होने वाले फसल नुकसान से बचाती है.
पीएमएफबीवाई बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक पूरे फसल चक्र को कवर करती है, जिसमें भंडारण के दौरान होने वाली क्षति भी शामिल है.
योजना किसी आपदा के कारण हुई क्षति की स्थिति में समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे किसानों को जोखिमों का प्रबंधन करने और कर्ज में डूबने से बचने में मदद मिलती है.
पूर्ववर्ती फसल बीमा योजनाओं की तुलना में, किसान आवेदनों का कवरेज 2014-15 में 371 लाख से बढ़कर 2024-25 में 1,510 लाख हो गया है.
इस योजना की सफलता और क्षमता को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 69,515.71 करोड़ रुपए के कुल बजट के साथ पीएमएफबीवाई और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी.
इसके अलावा, पीएमएफबीवाई अब किसान आवेदनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है.
कई राज्यों ने प्रीमियम में किसानों का हिस्सा माफ कर दिया है, जिससे किसानों पर वित्तीय बोझ काफी कम हुआ है और योजना में व्यापक भागीदारी को बढ़ावा मिला है.
इस योजना के तहत, खरीफ खाद्यान्न और तिलहन फसलों के लिए किसान द्वारा देय अधिकतम प्रीमियम 2 प्रतिशत है.
रबी खाद्यान्न और तिलहन फसलों के लिए यह 1.5 प्रतिशत और वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत है.
इस बीच बीते Monday को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्थान के झुंझूनु से किसानों के खातों में पीएमएफबीवाई के तहत डिजिटल राशि का भुगतान किया. करीब 35 लाख किसानों के खातों में 3,900 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की गई.
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