चरखी दादरी, 19 नवंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘क्लीन इंडिया’ मिशन से प्रेरित होकर 72 वर्षीय रामचंद्र स्वामी पिछले 10 वर्षों से बिना किसी सरकारी मदद के सार्वजनिक स्थलों की सफाई कर रहे हैं. उन्होंने अपनी झाड़ू से देश को स्वच्छ बनाने की ठानी और आज भी यह मुहिम जारी रखे हुए हैं. उनका कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरित होकर सफाई करते हैं और उनके लिए यह सिर्फ एक सामाजिक कार्य नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य बन चुका है.
पेशे से ट्रक ड्राइवर रामचंद्र स्वामी साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान की शुरुआत से प्रेरित होकर झाड़ू उठाने लगे. उन्होंने कभी भी किसी से मदद नहीं ली और न ही किसी प्रकार का कोई आर्थिक लाभ लिया. वह केवल अपने जीवन के अनुभवों और पीएम मोदी की प्रेरणा से देश को स्वच्छ बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
रामचंद्र स्वामी का कहना है कि मैं प्रतिदिन सुबह 5 बजे अपनी कार में झाड़ू लेकर निकलता हूं. जहां भी मुझे गंदगी दिखती है, मैं उसे साफ करने की कोशिश करता हूं. मेरा मानना है कि अगर हर व्यक्ति प्रतिदिन पांच मिनट सफाई में लगाए तो देश की तस्वीर बदल सकती है. गंदगी से बीमारियां फैलती हैं और सफाई से हम इन बीमारियों को रोक सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सफाई के काम में उनका विश्वास है और यह उनके लिए केवल एक धर्म है. वह कभी भी किसी से पैसे नहीं लेते और केवल दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं.
रामचंद्र स्वामी की पीएम मोदी के प्रति गहरी आस्था है. वह पीएम मोदी को भगवान कृष्ण के रूप में मानते हैं. उन्होंने बताया कि जब वे गुजरात में ट्रक ड्राइवरी करते थे, तब वहां के स्वच्छता कार्यों से प्रभावित होकर पीएम मोदी के प्रति उनकी श्रद्धा और आस्था बढ़ी. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब पीएम मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तब उन्होंने उनके समर्थन में तीन महीने का उपवास रखा था. इसके बाद जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने और स्वच्छता अभियान की शुरुआत की, तो रामचंद्र ने भी ट्रक ड्राइवरी छोड़कर सफाई का काम शुरू किया. वह अब तक दो बार दिल्ली मोदी जी से मिलने के लिए पैदल यात्रा कर चुके हैं, लेकिन अफसोस है कि अभी तक उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है.
उनका कहना है कि हमारे पास बहुत कुछ नहीं है, लेकिन जो कुछ भी है, वह जनता के लिए है. मैं हरियाणा, गुजरात, राजस्थान समेत अन्य जगहों पर सफाई अभियान चलाता हूं. चाहे कोई भी सार्वजनिक स्थल हो, जैसे धर्मशाला, बस स्टैंड या गली-मोहल्ले, मैं कहीं भी सफाई करता हूं.
सफाई के साथ-साथ वो एक अहम संदेश भी देते हैं कि गंदगी को हटाना सिर्फ एक कार्य नहीं, बल्कि एक कर्तव्य है, जिसे हर नागरिक को निभाना चाहिए.
रामचंद्र की पहचान अब केवल एक पीएम मोदी के प्रशंसक के तौर पर नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में हो गई है, जो अपनी झाड़ू से समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें उनके काम के लिए स्थानीय लोग सम्मानित भी करते हैं और उन्हें खूब प्यार मिलता है. उनका मानना है कि अगर हम हर जगह सफाई रखेंगे, तो न सिर्फ हमारी सेहत बेहतर होगी, बल्कि देश भी स्वच्छ बनेगा.
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पीएसके/केआर