भारत में 70 प्रतिशत ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप फ्रेशर्स को नियुक्त करेंगे, एआई-केंद्रित भूमिकाओं की रहेगी मांग

नई दिल्ली, 22 अप्रैल . भारत में लगभग 70 प्रतिशत ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप 2025 की पहली छमाही में एआई-केंद्रित भूमिकाओं की उच्च मांग के साथ फ्रेशर्स को नियुक्त करने का इरादा रखते हैं. यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई.

देश में 74 प्रतिशत नियोक्ता जनवरी-जून की अवधि के लिए फ्रेशर्स को नियुक्त करने का इरादा रखते हैं, जिसमें एआई से जुड़ी भूमिकाएं अहम बनी हुई हैं.

टीमलीज एडटेक की ‘करियर आउटलुक रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, एआई से संबंधित भूमिकाओं की मांग में यह वृद्धि तकनीकी प्रगति और कार्यबल वृद्धि के लिए देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के सरकार के प्रयास के अनुरूप भी है.

वार्षिक केंद्रीय बजट में शिक्षा के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एआई’ के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो एआई रिसर्च और स्किल को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए भारत के उत्साह को दिखाता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बदलाव उत्पादकता और स्वचालन में खासकर आरएंडडी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और हाई-टेक स्किलिंग कार्यक्रमों के लिए बढ़ी हुई फंडिंग के साथ एआई की महत्वपूर्ण भूमिका की ओर भी इशारा करते हैं.

टीमलीज एडटेक के एम्प्लॉयबिलिटी बिजनेस के प्रमुख और सीओओ जयदीप केवलरमानी ने कहा, “विकसित हो रहा जॉब मार्केट टैलेंट के मूल्यांकन के तरीके को फिर से परिभाषित कर रहा है. नियोक्ता अब केवल डिग्री के लिए ही भर्ती नहीं कर रहे हैं, वे डेटा विजुअलाइजेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में कौशल को प्राथमिकता दे रहे हैं. यह बदलाव फ्रेशर्स के लिए उच्च-प्रभाव वाली भूमिकाओं में कदम रखने और उद्योगों में इनोवेशन के प्रमुख चालक बनने के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है.”

बेंगलुरू, मुंबई और चेन्नई जैसे शहर प्रमुख रोजगार केंद्र बने हुए हैं, इन शहरों में भर्ती करने की मंशा क्रमशः 78 प्रतिशत, 65 प्रतिशत और 57 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

कंपनियां ऐसे प्रतिभावान लोगों की तलाश कर रही हैं, जो रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, परफॉर्मेंस मार्केटिंग, नेटवर्क सिक्योरिटी और फाइनेंशियल रिस्क एनालिसिस को समझते हों.

एंट्री लेवल पदों के लिए सबसे अधिक मांग वाले ‘सॉफ्ट स्किल’ तकनीकी और पारस्परिक क्षमताओं के मिश्रण को दर्शाते हैं.

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