बेंगलुरु, 27 फरवरी . हर 10 में से सात (77 प्रतिशत) पेशेवरों का मानना है कि उनकी इंडस्ट्री में वेतन में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, 20 प्रतिशत का मानना है कि वेतन यथावत बना हुआ है, जबकि केवल 3 प्रतिशत मानते हैं कि इसमें गिरावट हो रही है. गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
रिपोर्ट में बताया गया कि जॉब मार्केट में वेतन संतुष्टि को लेकर अलग-अलग राय है. बड़ी संख्या में पेशेवरों का मानना है कि वे अपने वेतन वृद्धि से असंतुष्ट हैं, जबकि चुनिंदा सेक्टरों के पेशेवर अपनी वेतन वृद्धि से संतुष्ट हैं.
जॉब्स प्लेटफॉर्म फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी और एमई) के सर्वे के अनुसार, 47 प्रतिशत पेशेवर कम वेतन वृद्धि और अधूरी उम्मीदों के कारण अपने वेतन वृद्धि से संतुष्ट नहीं हैं. वहीं, सर्वे में 25 प्रतिशत उत्तरदाता न्यूट्रल हैं. उन्हें लगता है कि वेतन वृद्धि सीमित ही रहेगी. लेकिन वे इसे एक गंभीर चिंता के रूप में नहीं देखते हैं.
सर्वे में 46 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि उनका वेतन औसत से अधिक है, वहीं, 40 प्रतिशत का मानना है कि उनका वेतन इंडस्ट्री के मानकों से कम है. वहीं, 14 प्रतिशत अपने सेक्टर के वेतन मानकों से अनभिज्ञ हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर जैसे-जैसे पेशेवरों को अनुभव मिलता है. उनकी वेतन जागरूकता में सुधार होता है और असंतोष लगातार कम होता है.
सर्वे में बताया गया कि 31 प्रतिशत महसूस करते हैं कि उन्हें कम वेतन मिलता है. 42 प्रतिशत के साथ बीएफएसआई सेक्टर के कर्मचारी सबसे अधिक असंतुष्ट हैं. मिड-लेवल (7-10 वर्षों) के 18 प्रतिशत कर्मचारी असंतुष्ट है. वहीं, 22 प्रतिशत मानते हैं कि उन्हें वेतन इंडस्ट्री के मुताबिक मिल रहा है.
जब वेतन बढ़ोतरी की बात आती है, तो 35 प्रतिशत पेशेवर केवल न्यूनतम वृद्धि (0-10 प्रतिशत) की उम्मीद करते हैं और 29 प्रतिशत मध्यम वृद्धि (11-20 प्रतिशत) की उम्मीद करते हैं.
एंट्री लेवल के पेशेवर सबसे अधिक ध्रुवीकृत हैं, जबकि 20 प्रतिशत न्यूनतम वृद्धि (0-10 प्रतिशत) की उम्मीद करते हैं, वहीं, 11 प्रतिशत उच्च वृद्धि (30 प्रतिशत और ऊपर) की उम्मीद करते हैं.
–
एबीएस/