रांची, 11 नवंबर . झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 43 सीटों पर सोमवार शाम प्रचार थम गया. इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा, जिसके लिए पोलिंग पार्टियों को भेजने का सिलसिला सोमवार से शुरू हो गया. पहले चरण की सीटों में 6 एससी और 20 एसटी के लिए सुरक्षित हैं. सामान्य सीटों की संख्या 17 हैं.
इन सीटों पर मतदाता पूर्व सीएम चंपई सोरेन और झारखंड की मौजूदा सरकार के छह कैबिनेट मंत्रियों डॉ. रामेश्वर उरांव, रामदास सोरेन, बन्ना गुप्ता, मिथिलेश ठाकुर, दीपक बिरूआ एवं बैद्यनाथ राम के अलावा कुल 683 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे.
पहले चरण के दिग्गज उम्मीदवारों में पूर्व मंत्री जदयू के सरयू राय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मंत्री भाजपा के सीपी सिंह, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी, पूर्व मंत्री कांग्रेस के केएन त्रिपाठी, पूर्व सीएम रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास, पूर्व सीएम चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन, कैबिनेट मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मि प्रकाश के नाम शामिल हैं.
इस चरण की सीटों पर राष्ट्रीय दलों के 87, झारखंड के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के 32, दूसरे राज्यों के मान्यता प्राप्त दलों के 42 और गैर मान्यता प्राप्त निबंधित दलों के 188 उम्मीदवार हैं. इसके अलावा 334 निर्दलीय उम्मीदवार हैं. पहले चरण में 73 महिला उम्मीदवारों के भाग्य का भी फैसला होना है. इस चरण में एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार भी है. हटिया से थर्ड जेंडर उम्मीदवार नगमा रानी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं.
पहले चरण की सीटों में कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा. बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, ईचागढ़, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, रांची, हटिया, कांके, मांडर, सिसई, गुमला, बिशुनपुर, सिमडेगा, कोलेबिरा, लोहरदगा, मनिका, लातेहार, पांकी, डालटनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर शामिल हैं.
इन सीटों पर कुल 15,344 बूथ बनाए गए हैं, जहां चुनाव मैदान में खड़े कुल 683 प्रत्याशी की किस्मत का फैसला कुल 1 करोड़ 37 लाख 10 हजार 717 वोटर करेंगे. पहले चरण में कुल वोटरों में 68 लाख 73 हजार 455 पुरुष, 68 लाख 36 हजार 959 महिला और 303 थर्ड जेंडर शामिल हैं.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा है कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के साथ ही वहां चुनाव कार्य के लिए गए सभी राजनीतिक लोगों (जो उस क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं) को वहां से जाना होगा. प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद अगर ऐसे लोग पकड़े गए तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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एसएनसी/एबीएम