New Delhi, 21 जुलाई . कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. विभिन्न विपक्षी दलों के 63 राज्यसभा सांसदों ने Monday को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए सभापति को प्रस्ताव का नोटिस सौंपा. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने Monday को इसकी जानकारी दी.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आज विभिन्न विपक्षी दलों के 63 राज्यसभा सांसदों ने न्यायाधीश जांच अधिनियम, 1968 के तहत न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए राज्यसभा के सभापति को प्रस्ताव का नोटिस सौंपा. न्यायमूर्ति शेखर यादव को हटाने के लिए इसी तरह का प्रस्ताव 13 दिसंबर, 2024 को राज्यसभा के सभापति को सौंपा गया था.
इससे पहले संसद के मानसून सत्र का आगाज होते ही 145 Lok Sabha सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए Lok Sabha स्पीकर को ज्ञापन सौंपा. सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत यह कदम उठाया है.
बता दें कि 15 मार्च 2025 को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित Governmentी आवास पर कैश मिला था. इसके बाद न्यायमूर्ति वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. उन्होंने आरोपों से इनकार किया और उसे साजिश बताया था. जले और अधजले नोटों का एक वीडियो भी बहुत वायरल हुआ था.
हालांकि, अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संसद इन आरोपों की जांच करेगी. महाभियोग प्रस्ताव के तहत आगे की प्रक्रिया संसद में विचार-विमर्श और जांच के बाद तय की जाएगी. इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था. इसने Supreme court के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.
5 अप्रैल को जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की थी.
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एएसएच/डीकेपी