आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में 60 से 65 प्रतिशत डिफेंस प्रोडक्शन : एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 13 जून . वीर चक्र से सम्मानित और डिफेंस एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल टीपी त्यागी ने कहा कि भारत में फौज ही एक ऐसा इंस्टीट्यूशन है, जो सेवा, कर्तव्यनिष्ठा, प्रशिक्षण, ईमानदारी के लिए जाना जाता है. ऐसे में आर्मी चीफ का अपॉइंटमेट या एक्सटेंशन एक ऐसा विषय होता है, जिसका फैसला एक स्थाथी सरकार ही लेती है. यही कारण है कि जब देश में लोकसभा चुनाव चल रहे थे तो पुराने आर्मी चीफ को एक महीने का सांकेतिक एक्सटेंशन दे दिया गया.

उन्होंने कहा कि जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर है, उसके मुताबिक या तो आर्मी कमांडर या वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को आर्मी चीफ बनाया जाता है. जहां तक लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की बात है, वो एक बेहतरीन आर्मी कमांडर भी रहे हैं और इस समय वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी हैं. लिहाजा, इन्हें थलसेना प्रमुख बना दिया गया.इनको बनाने की वजह इनकी वरिष्ठता है. ये नॉर्दन कमांड के आर्मी कमांडर रहे हैं. ये वो कमांड है, जिसे बाकायदा यह जिम्मेदारी दी गई है. पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ में ऑपरेशन चलाने की. तीसरी वजह यह है कि ये वो कमांडर रहे हैं, जो चीन के साथ एलओसी निगोशिएशन में कई बार शामिल रहे हैं.

उन्होंने आगे बताया कि उपेंद्र द्विवेदी के थलसेना प्रमुख बनने के बाद जो इनकी प्राथमिकताएं होगी, वो मौजूदा सैन्य नीतियों की निरंतरता को बरकरार रखना. एक जमाना था जब भारत रक्षा क्षेत्र में कोई भी सामान एक्सपोर्ट नहीं करता था, हर चीज इम्पोर्ट करते थे. आज स्थिति बदल गई है. रक्षा उत्पादन के ऊपर एक लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. 21 हजार करोड़ रुपए की हम अपने हथियार दूसरे देशों में भेज चुके हैं. तेजस से लेकर तमाम रक्षा उपकरण को कई देश लेने के इच्छुक हैं. अमेरिका भी तेजस में दिलचस्पी दिखा रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत हम न केवल डिफेंस प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं. बल्कि, अमेरिका या रूस उनसे हम जो हथियार लेते हैं, उन हथियारों की मैन्युफैक्चरिंग हिंदुस्तान में होती है. सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक ने दिखा दिया है कि भारत अपने दुश्मन को घर में घुसकर मारता है.

वहीं, रक्षा विशेषज्ञ मे.ज.(रि) एके सिवाच ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है. पहले हम 70 से 80 प्रतिशत हथियार बाहर से खरीदते थे. अब भारत मौजूदा समय में 60 से 65 प्रतिशत सामान खुद बना रहा है. भारत अपने लिए रक्षा के सामान बनाने के साथ-साथ दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है. पीएम मोदी ने नेतृत्व में बीते दस सालों में भारत ने बहुत कुछ हासिल किया है. आज की तारीख में भारत बहुत सारा हथियार खुद बना रहा है. ये बदला हुआ और आत्मनिर्भर भारत है.

एकेएस/एबीएम