जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक सितंबर की शुरुआत में, दो स्लैब स्ट्रक्चर पर लिया जाएगा फैसला

New Delhi, 23 अगस्त . GST परिषद की 56वीं बैठक 3-4 सितंबर को होने वाली है. इस बैठक में मंत्री समूह (जीओएम) द्वारा दो स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत को बरकरार रखने के प्रस्ताव पर फैसला होगा.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, परिषद की यह बैठक केंद्र द्वारा GST कराधान व्यवस्था के ढांचे को वर्तमान चार स्लैब से दो स्लैब में बदलने के बड़े पैमाने पर प्रयास के बीच हो रही है.

छह सदस्यीय जीओएम का नेतृत्व करने वाले बिहार के उपChief Minister सम्राट चौधरी के अनुसार, “हमने दो स्लैब वाले GST स्ट्रक्चर की सिफारिश की है और अपनी सिफारिशें GST परिषद को सौंप दी हैं.”

जीओएम ने सहमति व्यक्त की कि नई व्यवस्था के तहत मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को समाप्त कर दिया जाएगा. इसका उद्देश्य एक सरल और अधिक पारदर्शी GST व्यवस्था की ओर बढ़ना है.

देश में वर्तमान में चार स्लैब 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाला GST सिस्टम लागू है. साथ ही सिन और लग्जरी गुड्स पर अतिरिक्त उपकर भी लगाया जाता है.

नए स्ट्रक्चर के तहत, ‘मेरिट’ वस्तुओं और सेवाओं पर 5 प्रतिशत GST लगेगा, जबकि अधिकांश अन्य वस्तुएं (स्टैंडर्ड) 18 प्रतिशत के स्टैंडर्ड रेट अंतर्गत आएंगी. कुछ तथाकथित सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का उच्च कर लागू रहेगा. उदाहरणों में शराब, तंबाकू, ड्रग्स, जुआ, शीतल पेय, फास्ट फूड, कॉफी, चीनी और पोर्नोग्राफी भी शामिल हैं.

सिन टैक्स एक विशेष कर है, जो Government द्वारा इस प्रकार की वस्तुओं पर लगाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को इनके उपयोग से हतोत्साहित करना और इनसे होने वाले नुकसान को कम करना है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले दो दिवसीय मंत्रिसमूह की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि एक सरलीकृत प्रणाली से आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा, साथ ही GST को अधिक पारदर्शी और विकासोन्मुखी भी बनाया जा सकेगा. बदलावों के तहत, वर्तमान में 12 प्रतिशत कर श्रेणी में आने वाली लगभग सभी वस्तुएं 5 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगी.

इसी प्रकार, 28 प्रतिशत कर वाली अधिकांश वस्तुएं 18 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगी, जिससे केंद्र का मानना ​​है कि अनुपालन में सुधार होगा और जटिलता कम होगी.

मंत्रिसमूह ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर GST से छूट देने के केंद्र के सुझाव की भी समीक्षा की. इन सिफारिशों पर अंतिम निर्णय GST परिषद सितंबर की शुरुआत में अपनी बैठक में लेगी.

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