अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूर, वीडियो जारी कर लगाई वतन वापसी की गुहार

रांची, 31 अक्टूबर . अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया की एक कंपनी में दिहाड़ी मजदूरी करने गए Jharkhand के 48 मजदूर बंधक बन गए हैं. कंपनी इनसे जबरन काम ले रही है, लेकिन इसके एवज में उन्हें पिछले तीन महीने से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. ये मजदूर Jharkhand के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के रहने वाले हैं.

ट्यूनीशिया में फंसे मजदूरों ने एक वीडियो जारी कर India Government और Jharkhand Government से शीघ्र वतन वापसी की गुहार लगाई है.

वीडियो में मजदूरों ने बताया कि कंपनी ने उनके पासपोर्ट भी अपने पास रख लिए हैं और उन्हें परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. मजदूरों ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब भोजन की भी व्यवस्था संभव नहीं रह गई है.

उन्होंने बकाया वेतन के तत्काल भुगतान और सुरक्षित स्वदेश वापसी की मांग की है. ट्यूनीशिया में फंसे 48 मजदूरों में हजारीबाग के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 मजदूर शामिल हैं. इनकी पहचान अमरदीप चौधरी, जिवाधन महतो, धानेश्वर महतो, जागेश्वर कुमार महतो, गोविंद कुमार महतो, नंदलाल महतो, संतोष महतो, गुरुचरण महतो, अजय कुमार, अनिल कुमार, गोपाल महतो, राजेश करमाली, लालू करमाली सहित अन्य के रूप में हुई है.

प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने इस मामले में केंद्र और राज्य Government से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा कि विदेशों में Jharkhand के मजदूरों के फंसने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.

सिकंदर अली ने विदेश मंत्रालय से इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की और राज्य Government से मांग की कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए प्रवासी रोजगार प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए तथा राज्य में रोजगार सृजन पर प्राथमिकता दी जाए, ताकि मजदूरों को पलायन न करना पड़े.

अधिकारियों के अनुसार, राज्य Government ने मामले की जानकारी केंद्र को भेज दी है और ट्यूनीशिया स्थित भारतीय दूतावास से मजदूरों की स्थिति की पुष्टि करने और सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.

एसएनसी/एसके