नागपुर, 29 सितंबर . Maharashtra में इस वर्ष मानसून ने जमकर कहर बरपाया है. पिछले पचास वर्षों की सबसे मूसलाधार बारिश से सबसे अधिक नुकसान किसानों का हुआ है. अगस्त और सितंबर महीने में हुई भारी बारिश के कारण लगभग 47 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है.
Governmentी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 25 लाख हेक्टेयर और सितंबर में 22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को नुकसान पहुंचा है. यह स्थिति न केवल कृषि क्षेत्र के लिए, बल्कि किसानों की आजीविका के लिए भी गंभीर संकट बनकर उभरी है.
राज्य Government ने इस नुकसान का आकलन करने के लिए 4 से 5 अक्टूबर के बीच पंचनामा प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया है. इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक गांव और खेत का निरीक्षण कर, वास्तविक नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. यह रिपोर्ट Government को यह तय करने में मदद करेगी कि कहां कितना नुकसान हुआ है और किस क्षेत्र को कितनी राहत की आवश्यकता है.
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि कपास, संतरा, सोयाबीन समेत कई फसलों को गंभीर क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद Chief Minister देवेंद्र फडणवीस और दोनों उपChief Minister एकनाथ शिंदे के साथ एक अहम बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें किसानों के लिए राहत पैकेज पर निर्णय लिया जाएगा.
इस संकट से राज्य के लाखों किसान मानसिक तनाव में हैं. कई किसान आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं, जो एक बेहद चिंताजनक स्थिति है. किसानों की बढ़ती चिंता को देखते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह हर स्थिति में उनके साथ खड़ी है.
मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और उनकी हरसंभव मदद की जाएगी, ताकि वे इस कठिन समय से बाहर निकल सकें.
राज्य Government की टीमें गांव-गांव जाकर नुकसान का पंचनामा कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि कोई भी किसान छूटे नहीं, इस उद्देश्य से पूरी ईमानदारी के साथ कार्य किया जा रहा है. नुकसान पर लगातार नजर रखी जा रही है और जल्द ही किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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पीआईएस/एएस