बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 454 दावों-आपत्तियों का निपटारा

New Delhi, 13 अगस्त . चुनाव आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया के बाद जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम शामिल करने और अपात्र मतदाताओं को बाहर करने संबंधी 454 दावों और आपत्तियों का निपटारा कर दिया है. आयोग ने Wednesday को जारी दैनिक बुलेटिन में कहा कि चुनाव कार्यालय को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध में अब तक मतदाताओं से 17,665 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुईं.

चुनाव आयोग ने बिहार में एक अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की थी. हालांकि, Political दलों और उनके बीएलए को मसौदा मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने या न होने के संबंध में अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक महीने का समय दिया है.

दैनिक बुलेटिन के अनुसार, चुनाव आयोग को एक अगस्त से 13 अगस्त सुबह 10 बजे तक 18 साल की उम्र पूरी करने वाले या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से फॉर्म-6 और घोषणापत्र संबंधी 74,525 फॉर्म मिले हैं. इसके अलावा, दावे और आपत्ति दर्ज कराने वाले निर्वाचकों की कुल संख्या 17,665 है, जिसमें से 7 दिन के बाद 454 मामलों का निस्तारण किया गया है. नियमों के मुताबिक, दस्तावेजों की पात्रता की जांच के 7 दिन बाद संबंधित ईआरओ या एईआरओ इन मामलों का निपटारा करते हैं.

चुनाव आयोग ने 24 जून से 25 जुलाई के बीच एसआईआर का गणना चरण पूरा किया. इस प्रक्रिया के दौरान कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म जमा किए.

1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची से लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम बाहर थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इनमें 22 लाख मृतक मतदाता (2.83 प्रतिशत), 36 लाख (4.59 प्रतिशत), जो स्थायी रूप से दूसरी जगह जाकर बसे हैं और 7 लाख (0.89 प्रतिशत) वह वोटर हैं, जिनके पास दोहरी वोटर आईडी थी.

अहम यह है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी हुए 12 दिन बीत जाने के बावजूद किसी भी Political दल ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर विपक्षी दल शुरुआत से कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए हमलावर रहा है. विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया से लाखों मतदाताओं के मताधिकार छिनने का खतरा है. चुनाव आयोग विपक्ष के आरोपों को खारिज कर चुका है.

डीसीएच/