आगरा, 17 मई . भारत में सड़क पर दौड़ने वाले 40 प्रतिशत वाहनों का बीमा नहीं है. यह जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है.
केंद्र सरकार की ओर से अदालत में पेश दस्तावेज के मुताबिक देश में लगभग 60 प्रतिशत वाहनों का बीमा है.
ऐसे में हादसे की स्थिति में वाहन मालिक बीमा भुगतान का दावा नहीं कर पाता.
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ वकील केसी जैन ने गैर बीमा वाले वाहनों का ई-चालान करने का आह्वान किया.
जैन ने अपनी याचिका में यातायात नियमों के अनुपालन के लिए वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की मांग की है. इससे स्वचालित रूप से पता चल जाएगा कि वाहन का बीमा है या नहीं.
जैन ने कहा, “परिवहन मंत्रालय को बिना बीमा वाले वाहनों की जानकारी है. इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से ऐसे वाहनों का पता लगाया जा सकता है.”
जैन ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, “प्रत्येक वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य है और यदि कोई वाहन मालिक ऐसा नहीं करता, तो यह दंडनीय अपराध है.”
इस मुद्दे पर पिछले साल 20 मार्च को वित्तमंत्री ने लोकसभा में बताया था कि मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप को छोड़कर देश में लगभग 30.48 करोड़ वाहन हैं. इनमें से 16.54 करोड़ वाहनों का बीमा नहीं है.
जैन ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग के माध्यम से बिना बीमा वाले वाहनों के चालान का आदेश दे, तो सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों के वारिसों और घायलों को बड़ी राहत मिलेगी.
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