लुसाका, 21 सितंबर . जाम्बिया में राष्ट्रव्यापी खसरा टीकाकरण अभियान के तहत नौ महीने से पांच वर्ष की आयु के लगभग 40 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा.
खसरा-रूबेला अभियान देश भर के सभी 116 जिलों में 23 से 28 सितंबर तक विभिन्न भागीदारों के सहयोग से चलाया जाएगा.
देश की राजधानी लुसाका में अभियान के शुभारंभ के दौरान स्वास्थ्य मंत्री एलिजा मुचिमा ने कहा, “खसरे का कोई इलाज नहीं है और बच्चों में टीकाकरण इसकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी तरीका है.”
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार उन्होंने कहा कि हाल की निगरानी रिपोर्ट्स से पता चला कि पहले से प्रभावित और अप्रभावित दोनों क्षेत्रों से खसरे के छिटपुट मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की इम्यूनिटी बेहद कमजोर है.
मुचिमा ने बताया कि अब इस प्रकोप का जोखिम पहले से काफी बढ़ गया है, 2022 में 2,200 मामले और 44 मौत दर्ज की गईं. इस साल यह मामले बढ़कर 4,412 से अधिक हो गए हैं, जिनमें से तीन के मौत की जानकारी मिली है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खसरे के कारण बच्चों की जान जाने का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही उन्होंने सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए हितधारकों से पूर्ण समर्थन का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि सरकार टीकाकरण एजेंडा 2030 पर काम करते हुए खसरा के खिलाफ जरूरी कदम उठाएगी .
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी बच्चों तक पहुंचने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया.
जाम्बिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि नाथन बकायता ने कहा कि टीकाकरण अभियान केवल स्वास्थ्य के बारे में नहीं है, बल्कि जाम्बिया में हर बच्चे के जीवित रहने के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के बारे में है. उन्होंने कहा कि एक सुरक्षित और प्रभावी टीका उपलब्ध होने के बावजूद, खसरा छोटे बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बना हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र ने वैक्सीन एलायंस गावी के सहयोग से जाम्बिया को 1.1 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत से 5.32 मिलियन वैक्सीन खुराकें दी हैं.
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एमकेएस/केआर