भारत में व्हाइट-कॉलर हायरिंग में मार्च में 38 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि

बेंगलुरु, 24 अप्रैल . देश में व्हाइट-कॉलर हायरिंग में जोरदार वृद्धि के साथ मार्च में सालाना आधार पर 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. यह जानकारी गुरुवार को आई एक नई रिपोर्ट में दी गई.

इस वृद्धि को भारत के ग्लोबल बिजनेस में बढ़ते महत्व के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. भारत का वर्चस्व ऐसी परिस्थितियों में बढ़ रहा है, जब अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ अनिश्चितताओं के कारण चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती हैं.

फाउंडइट की रिपोर्ट के अनुसार, हायरिंग में वृद्धि को लेकर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी), मैन्युफैक्चरिंग, बीएफएसआई और हेल्थ जैसे सेक्टर की भागीदारी अहम रही.

कंपनियां अपनी सप्लाई चेन को भारत में शिफ्ट करने और अपने परिचालन का विस्तार कर रही हैं, जिसकी वजह से हायरिंग को लेकर वृद्धि दर्ज की जा रही है.

फाउंडइट के सीईओ वी. सुरेश ने कहा कि भारत अब न केवल एक टैलेंट हब है, बल्कि दुनिया भर की कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास इंजन भी है.

उन्होंने कहा, “ग्लोबल एंटरप्राइज भारत को लेकर अपना दृष्टिकोण बदल रहे हैं. देश अब पुनर्गठित विश्व अर्थव्यवस्था में नेतृत्व करने के लिए तैयार है.”

वैश्विक व्यवसायों के लिए भारत एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित हो रहा है, जिसके कारण बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और यहां तक ​​कि वडोदरा और कोच्चि जैसे टियर-2 शहरों में भी हायरिंग में तेजी देखने को मिल रही है.

रिपोर्ट बताती है कि ‘चीन प्लस वन’ रणनीतियां, जहां कंपनियां चीन के अलावा दूसरे विकल्प की तलाश करती हैं, भारत में भर्ती को बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभा रही हैं.

इस ट्रेंड ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने में मदद की है, इस सेक्टर में मार्च में 78 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि और 12 प्रतिशत मासिक वृद्धि दर्ज की गई है.

कंपनियां प्रोडक्शन, क्वालिटी कंट्रोल और सप्लाई चेन रोल जैसे क्षेत्रों में भर्ती बढ़ा रही हैं.

आईटी सेक्टर में परिचालन लागत में कटौती और टैरिफ से जुड़े दबावों से निपटने के लिए भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) का विस्तार हो रहा है.

आईटी जॉब्स में 43 प्रतिशत वार्षिक और 8 प्रतिशत मासिक वृद्धि दर्ज की गई है. इसी के साथ फुल-स्टैक डेवलपर्स, एआई या एमएल इंजीनियर और क्लाउड आर्किटेक्ट जैसी भूमिकाओं की मांग में तेजी देखी गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी जॉब क्रिएशन के लिए बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और पुणे टॉप शहरों में शामिल हैं.

एसकेटी/एबीएम