महाराष्ट्र: चंद्रपुर में नकली शराब की 350 पेटी जब्त

चंद्रपुर, 4 मई . महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) ने चिमूर तालुका में एक आयशर वाहन से 350 पेटी नकली शराब जब्त की है. यह कार्रवाई नकली शराब की तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है.

पुलिस ने हाल के दिनों में लगभग 1.09 करोड़ रुपए मूल्य का सामान जब्त किया है, जिसमें नकली शराब का बड़ा हिस्सा शामिल है. गढ़चिरौली में शराबबंदी के कारण चंद्रपुर के रास्ते तस्करी का यह धंधा तेजी से पनप रहा है, जिससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है.

भाजपा नेता और विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की अपील की. उन्होंने गृह और आबकारी विभाग से नकली शराब तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य सरकार ने उत्पाद शुल्क से 30,500 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन केवल 22,500 करोड़ रुपए ही जमा हो सके. इस तरह 7,000 करोड़ रुपए की कमी ने राज्य के खजाने पर बड़ा बोझ डाला है. नकली शराब की तस्करी न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन रही है. नकली शराब के सेवन से किडनी फेल्योर, लकवा और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.

उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से नकली शराब तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मुनगंटीवार ने कहा कि नकली शराब की तस्करी से न केवल राज्य का राजस्व चोरी हो रहा है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है. यह एक गंभीर अपराध है. उन्होंने सुझाव दिया कि तस्करी करने वाली गाड़ियों को पकड़ने वालों को तुरंत दंड राशि का आधा हिस्सा इनाम के रूप में दिया जाए, ताकि लोग इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए प्रेरित हों.

मुनगंटीवार ने यह भी बताया कि कई बार महिलाएं तस्करी की गाड़ियां पकड़ती हैं, लेकिन उन पर ही उल्टा केस दर्ज हो जाता है. उन्होंने ऐसी महिलाओं के केस वापस लेने की वकालत की और कहा कि तस्करों के खिलाफ कठोर कानून बनाए जाने चाहिए. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि तस्करों को एमपीडीए जैसे सख्त कानूनों के तहत जेल में डाला जाए, ताकि वे भविष्य में इस तरह के अपराध करने से डरें.

नकली शराब की तस्करी को रोकने के लिए मुनगंटीवार ने सख्त निगरानी और नए कानूनों की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि तस्करों को यह लगता है कि एक बार पकड़े जाने पर भी उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होगा, क्योंकि वे कई गुना मुनाफा कमा लेते हैं. इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है.

वहीं पुलिस और प्रशासन अब इस दिशा में और सख्ती बरतने की तैयारी में है. नकली शराब की तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए जनजागरूकता के साथ-साथ कानूनी कार्रवाइयों को और तेज करने की जरूरत है.

एकेएस/एकेजे