यूपी : मुजफ्फरनगर में उत्तर भारत की पहली काऊ सेंचुरी का लोकार्पण, 3,000 गोवंशीय पशु रखे जाएंगे

मुजफ्फरनगर, 22 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के थाना पुरकाजी क्षेत्र के गांव तुगलकपुर कम्हेडा की जंगलों में मंगलवार को 50 एकड़ जमीन पर उत्तर भारत की पहली काऊ सेंचुरी का लोकार्पण किया गया. साथ ही कृत्रिम गर्भाधान एवं कृषक प्रशिक्षण केंद्र का भी शिलान्यास किया गया.

केंद्र सरकार में पशुधन एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, उत्तर प्रदेश सरकार के पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, और कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने फीता काटकर उत्तर भारत की पहली काऊ सेंचुरी का लोकार्पण व कृत्रिम गर्भाधान एवं कृषक प्रशिक्षण केंद्र का शिलान्यास किया.

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और केंद्र सरकार के पूर्व पशुधन एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान के प्रयास से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा निर्मित की गई है. यह काऊ सेंचुरी केंद्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से तैयार कराई गई है, जिसका संचालन गोवर्धन गौ सेवा समिति द्वारा कराया जाएगा. यह 5,000 गोवंशीय पशुओं की कैपेसिटी की सेंचुरी है और फिलहाल 3,000 गोवंशीय पशु इसमें रखे जा रहे हैं. जनपद मुजफ्फरनगर के विभिन्न गांवों से पशुओं को इकट्ठा किया जा रहा है.

केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल परियोजना की सराहना करते हुए कहा, “सरकार का मकसद किसानों की आय दोगुनी करने का है और वह केवल गन्ने से नहीं हो सकता. इसलिए किसान के लिए पशुपालन भी जरूरी है और सरकार सबको आत्मनिर्भर बनना चाहती है. इसके लिए सरकार की जो विभिन्न योजनाएं हैं, उनका किसान लाभ ले सकते हैं. वहीं सेंचुरी में किसानों व युवाओं को कृत्रिम गर्भाधान एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाएगा. इससे युवा अपनी आमदनी का स्रोत बना सकता है.”

कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, “प्रत्येक सनातनी को एक गाय पालनी चाहिए और उत्तर प्रदेश सरकार के पास डेयरी खोलने के लिए विभिन्न योजनाएं हैं. जो किसान किसी भी प्रकार की डेयरी खोलना चाहता है, उसकी मदद के लिए सरकार तैयार है. किसान 200 पशुओं तक की डेयरी खोल सकते हैं. उसके लिए प्रदेश सरकार 50 प्रत‍िशत का अनुदान देगी.”

केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा, “आज उनका सपना पूरा हुआ है और इस सेंचुरी का लोकार्पण किया गया. गोवंशीय पशुओं को इसमें रखा जाएगा.”

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