कफ सिरप त्रासदी: डॉक्टर प्रवीण सोनी को 3 दिन की पुलिस रिमांड

छिंदवाड़ा, 13 नवंबर . कफ सिरप त्रासदी की जांच कर रही Madhya Pradesh Police की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने Thursday को मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक प्रवीण सोनी को तीन दिनों के लिए हिरासत में ले लिया. एसआईटी Thursday को छिंदवाड़ा जेल पहुंची और कुछ ही मिनट बाद सोनी को लेकर वापस लौट गई.

Police सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि सोनी को छिंदवाड़ा जिले के परासिया Police स्टेशन ले जाया गया, जहां उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की जाएगी.

Police सूत्रों ने यह भी बताया कि यह घटनाक्रम चल रही जांच का हिस्सा है. एसआईटी ने कुछ दिन पहले सोनी की हिरासत के लिए छिंदवाड़ा जेल में आवेदन दिया था.

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ सोनी ने मिलावटी कफ सिरप की सिफारिश की थी, जिसके कारण छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में कथित तौर पर 25 बच्चों की मौत हो गई थी. उनके खिलाफ First Information Report दर्ज होने के बाद उन्हें 5 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद से वह छिंदवाड़ा जेल में बंद हैं.

हाल ही में एसआईटी ने प्रवीण सोनी की पत्नी ज्योति सोनी को भी गिरफ्तार किया था, जो छिंदवाड़ा के परासिया ब्लॉक में प्रवीण सोनी के निजी अस्पताल की फार्मेसी की मालकिन हैं, जहां अधिकांश बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप दिया जाता था.

Madhya Pradesh Police ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तमिलनाडु स्थित सिरप निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी रंगनाथन और Madhya Pradesh में दवा की आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े विभिन्न लोग शामिल हैं.

Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल जिलों के 26 बच्चों की, जिनमें से अधिकतर पांच वर्ष से कम उम्र के थे, कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिए जाने के बाद गुर्दे खराब होने के कारण मृत्यु हो गई.

इसी तरह, पड़ोसी राज्य Rajasthan में कफ सिरप पीने से कम से कम तीन बच्चों की मौत हो गई.

इस त्रासदी के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने India में पहचाने गए तीन कफ सिरप के खिलाफ चेतावनी जारी की.

Madhya Pradesh Government द्वारा किए गए परीक्षणों से पुष्टि हुई कि कोल्ड्रिफ में 48.6 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल, एक विषैला रसायन, पाया गया, जो 0.1 प्रतिशत की स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक था.

बच्चों की मौत के बाद, इस सिरप को तमिलनाडु, Madhya Pradesh, केरल, कर्नाटक, पंजाब, Himachal Pradesh, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में प्रतिबंधित कर दिया गया.

पीएसके