27 नवंबर : क्रिकेट इतिहास का ‘ब्लैक डे’, जब दुनिया ने खोया चमकता सितारा

New Delhi, 26 नवंबर . क्रिकेट इतिहास में ’27 नवंबर’ को ‘ब्लैक डे’ के तौर पर याद रखा जाता है. इस दिन क्रिकेट जगत ने एक उभरते खिलाड़ी को हमेशा के लिए खो दिया था.

11 साल पहले ठीक इसी दिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज दुनिया छोड़ गए थे. दो दिन पहले जो खिलाड़ी मैदान पर बल्लेबाजी कर रहा था, वह मैच के दौरान गंभीर रूप से घायल हुआ. बल्लेबाजी करते हुए ह्यूज की गर्दन पर एक गेंद लगी और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े. इसके बाद उनकी आंखें ऐसी बंद हुईं कि फिर कभी खुल नहीं सकीं. इस घटना ने पूरे खेल जगत को स्तब्ध कर दिया था.

सिडनी के मैदान पर 25 नवंबर 2014 को शेफील्ड शील्ड में साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच मुकाबले की शुरुआत हुई थी.

साउथ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जोहान बोथा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया. 30 नवंबर को फिल ह्यूज का जन्मदिन था. ह्यूज चाहते थे कि जीत के साथ वह इसे सेलिब्रेट करें, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.

फिल ह्यूज इस मुकाबले में मार्क कॉसग्रोव के साथ बतौर सलामी बल्लेबाजी मैदान पर उतरे. दोनों खिलाड़ियों ने 23.4 ओवरों में 61 रन की साझेदारी की.

मार्क कॉसग्रोव 68 गेंदों में 32 रन बनाकर आउट हुए. उन्हें नाथन लियोन ने कैच आउट कराया. कॉसग्रोव की इस पारी में 9 चौके शामिल थे.

यहां से फिल ह्यूज ने कैलम फर्ग्यूसन के साथ दूसरे विकेट के लिए 61 रन जुटाए. फर्ग्यूसन 41 गेंदों में 4 चौकों की मदद से 28 रन बनाकर पवेलियन लौटे.

टॉम कूपर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे. दोनों खिलाड़ियों का मकसद यहां से साउथ ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाना था, लेकिन 49वां ओवर ही मैच का ‘अंतिम ओवर’ साबित हुआ.

सीन एबॉट अपना 10वां ओवर डाल रहे थे. उन्हें अपने पहले विकेट की तलाश थी. ह्यूज 63 रन बनाकर नाबाद थे. उनकी इस पारी में 9 चौके शामिल थे. 48.3 ओवर में एबॉट की गेंद फिल ह्यूज की गर्दन पर लगी.

ह्यूज उसी पल मैदान पर बैठ गए. एबॉट तुरंत उनके पास आए. इस बीच ह्यूज ने अपना संतुलन खो दिया. विपक्षी टीम के साथियों ने उन्हें सहारा दिया, लेकिन तब तक ह्यूज बेहोश हो गए थे.

तुरंत ह्यूज को हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन 27 नवंबर को इस उभरते सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया.

फिल ह्यूज के साथ हुई इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में कई सुरक्षा संबंधी बदलाव हुए. हेलमेट को अधिक मजबूत बनाया गया. बल्लेबाजों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया और ‘कन्कशन सब्स्टीट्यूट’ जैसे नए नियम लागू किए गए.

फिल ह्यूज ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से 26 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 3 शतक और 7 अर्धशतक के साथ 1,535 रन बनाए. वहीं, 25 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 2 शतक और 4 अर्धशतक के साथ 826 रन जोड़े थे. फिल ह्यूज की मृत्यु के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनके सम्मान में ‘जर्सी नंबर 64’ को रिटायर कर दिया.

आरएसजी/एबीएम