नई दिल्ली, 7 अप्रैल . भारत ने अपने एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों को और अधिक प्रभावी व सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है. इसके लिए सोमवार को करीब 2,385 करोड़ रुपए की लागत वाला एक महत्वपूर्ण समझौता किया गया है. इससे वायुसेना के एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एयरक्राफ्ट मॉडिफिकेशन किट तैयार की जाएगी. इसके लिए बीईएल के साथ साझेदारी तय की गई है.
भारतीय वायु सेना के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एयरक्राफ्ट मॉडिफिकेशन किट के अधिग्रहण के साथ-साथ एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर उनके इंस्टॉलेशन और संबंधित उपकरणों के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु के साथ 2,385.36 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
यह खरीद, स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित उत्पादों की श्रेणी के तहत है. इस अनुबंध पर नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.
हेलीकॉप्टर के अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट प्रतिकूल वातावरण में हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता को काफी हद तक बढ़ाएगा. अधिकांश सब-असेंबली और पार्ट्स स्वदेशी निर्माताओं से लिए जाएंगे.
यह परियोजना एमएसएमई सहित भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और संबंधित उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देगी और प्रोत्साहित करेगी.
यह एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है. यह योजना मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप देश को आत्मनिर्भर भी बनाती है.
इससे कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच), प्रचंड की आपूर्ति के लिए 62,700 करोड़ रुपए के दो अनुबंध किए हैं. पहला अनुबंध भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को 66 प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर और दूसरा भारतीय सेना को 90 हेलीकॉप्टर की आपूर्ति के लिए है.
एलसीएच भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखता है. इस हेलीकॉप्टर में बड़ी संख्या में उपकरण भारत में डिजाइन तथा निर्मित किए गए हैं.
–
जीसीबी/एबीएम