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चेन्नई, 28 अक्टूबर . तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून के तेज होने के साथ ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) ने बारिश से जुड़ी चुनौतियों और बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं.
निचले और जल्दी बाढ़ की चपेट में आने वाले इलाकों के निवासियों को तत्काल सहायता देने के लिए शहर में अब तक 215 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं.
प्रत्येक केंद्र में भोजन, स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. भोजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 106 केंद्रीय रसोई का नेटवर्क तैयार किया गया है.
इनके माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों के चार लाख से अधिक निवासियों को दिन में तीन बार भोजन वितरित किया जा रहा है.
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए 574 विशेष चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 408 सामान्य स्वास्थ्य शिविर और 116 मोबाइल शिविर शामिल हैं. इनसे 24,146 लाभार्थी प्रभावित हुए.
शिविरों में बुखार जांच, वेक्टर नियंत्रण जागरूकता और मानसून से जुड़ी बीमारियों के उपचार पर फोकस है. बुनियादी ढांचे की तैयारी में जलमग्न क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए 2,000 से अधिक मोटर पंप विभिन्न क्षमताओं के तैयार हैं.
तेज हवाओं और पेड़ गिरने की स्थिति में 457 प्रशिक्षित लोग तैनात किए गए हैं. शहर की 22 प्रमुख सड़क सुरंगों का 24 घंटे रखरखाव किया जा रहा है ताकि जलभराव न हो और यातायात सुचारू रहे.
बाढ़ रोकथाम और राहत कार्यों के लिए 22,000 कर्मी (इंजीनियर, सफाईकर्मी, फील्ड स्टाफ) तैनात हैं. चेन्नई मेट्रो वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के 2,149 फील्ड कर्मचारी नालों की रुकावट और सीवेज ओवरफ्लो से निपटने के लिए तैयार हैं.
जीसीसी ने निवासियों से टोल-फ्री हेल्पलाइन 1913 पर बारिश से जुड़े नुकसान, बाढ़ या आपात स्थिति की तुरंत सूचना देने की अपील की है. social media शिकायतों की भी सक्रिय निगरानी और कार्रवाई हो रही है.
आने वाले दिनों में और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए, जीसीसी के समन्वित प्रयास राहत, सार्वजनिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा नागरिकों की सुरक्षा और न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं.
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डीकेएम/एएस