नई दिल्ली, 11 अप्रैल . 2024 में दुनिया भर में सेमीकंडक्टर राजस्व 21 प्रतिशत बढ़कर 655.9 बिलियन डॉलर हो गया, जो 2023 के 542.1 बिलियन डॉलर से अधिक है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई.
मार्केट इंटेलिजेंस फर्म गार्टनर के अनुसार, एनवीडिया पहली बार सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और इंटेल को पछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच गया.
गार्टनर के वीपी एनालिस्ट गौरव गुप्ता ने कहा, “टॉप 10 सेमीकंडक्टर विक्रेता राजस्व रैंकिंग में पोजिशन को लेकर यह बदलाव एआई इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डआउट की बढ़ती मांग और मेमोरी रेवेन्यू में 73.4 प्रतिशत की वृद्धि के कारण है.”
उन्होंने कहा कि डेटा सेंटर में एआई वर्कलोड के लिए प्राथमिक विकल्प के रूप में काम करने वाले ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट्स (जीपीयू) की मांग में वृद्धि की वजह से ही एनवीडिया पहले स्थान पर पहुंचा है.
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने डीआरएएम और फ्लैश मेमोरी दोनों में बढ़त के कारण अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा, क्योंकि आपूर्ति और मांग में असंतुलन के कारण कीमतों में तेजी से उछाल आया.
गुप्ता के अनुसार, इंटेल का राजस्व 2024 में 0.8 प्रतिशत बढ़ा, क्योंकि दूसरे प्रतिस्पर्धियों ने कंपनी के सभी प्रमुख प्रोडक्ट लाइन को लेकर गति पकड़ी, जिसकी वजह से एआई प्रोसेसिंग को लेकर जबरदस्त मांग का फायदा उठाने में इंटेल असमर्थ रहा.
इस बीच, सेमीकंडक्टर डिजाइन में लगभग 20 प्रतिशत वर्कफोर्स भारत में है और देश की चिप की मांग, जो वर्तमान में 45-50 बिलियन डॉलर है, 2030 तक 100-110 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की वजह से भारत का सेमीकंडक्टर खपत बाजार, जिसका मूल्य 2024-25 में 52 बिलियन डॉलर है, 2030 तक 13 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है.
ऑटोमोटिव और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्र महत्वपूर्ण वैल्यू एडिशन अवसर प्रस्तुत करते हैं.
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अनुसार, मोबाइल हैंडसेट, आईटी और इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन, जो कुल मिलाकर राजस्व में लगभग 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं, विकास को गति दे रहे हैं.
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एसकेटी/एबीएम