दक्षिण कोरिया से 20वां एवियन इन्फ्लूएंजा का मामला आया सामने

सियोल, 6 जनवरी दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने ग्योंगगी प्रांत के एक अंडा फार्म में सर्दी के इस सीजन में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा (एआई) के 20वें मामले की पुष्टि की है.

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सिटी की सरकार ने बताया कि शनिवार को सियोल से लगभग 65 किलोमीटर पूर्व में योजू में एक लेयर पोल्ट्री फार्म से नवीनतम मामला सामने आया.

यह सर्दियों के मौसम में देश भर में रिपोर्ट किया गया 20वां अत्यधिक रोगजनक एआई मामला है.

अधिकारियों ने क्षेत्र को नियंत्रित कर लिया है और फार्म में पाली गई लगभग 104,000 मुर्गियों को मार दिया है, साथ ही निवारक उपायों के तहत पास के एक ब्रॉयलर फार्म में 52,000 चूजों को भी मार दिया है.

31 दिसंबर को पता चला ऐसा आखिरी मामला देश के मध्य क्षेत्र उत्तरी चुंगचेओंग प्रांत में एक अंडा फार्म से पुष्टि किया गया था.

अधिकारियों ने कहा था कि यह सियोल से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में यूमसेओंग काउंटी में एक लेयर मुर्गी फार्म में पाया गया था.

फार्म के मालिक ने पशुओं में मौतों में वृद्धि पर यह प्रारंभिक रिपोर्ट दी है.

अधिकारियों ने क्षेत्र को नियंत्रित कर लिया है और फार्म में पाली गई लगभग 44,000 मुर्गियों को मारने का फैसला किया है.

इस बीच सिंगापुर के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एजेंसी द्वारा होस्ट किए गए राष्ट्रीय मंच डायग्नोस्टिक्स डेवलपमेंट हब (डीएक्सडी हब) की एक टीम ने जापान के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर स्टीडफास्ट विकसित किया है, जो अत्यधिक रोगजनक एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एआईवी) का पता लगाने के लिए एक उन्नत डायग्नोस्टिक किट है.

टीम ने कहा कि यह विकास एवियन इन्फ्लूएंजा निगरानी में एक महत्वपूर्ण सफलता है, जो महामारी की तैयारी में वैश्विक प्रयासों को मजबूत करता है.

स्टीडफास्ट अत्यधिक रोगजनक एच5एन1 बर्ड फ्लू वायरस का तेजी से पता लगाने की सुविधा प्रदान करता है. यह एचपीएआई और कम रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा (एलपीएआई) उपभेदों के बीच अंतर करने में भी मदद करता है, जो प्रभावी नियंत्रण उपायों के लिए महत्वपूर्ण है.

जबकि पारंपरिक विधियों से परिणाम प्राप्त करने में दो से तीन दिन लगते हैं, स्टीडफास्ट लगभग तीन घंटे में एचपीएआई एच5 स्ट्रेन (एच5एन1, एच5एन5, एच5एन6) का पता लगा सकता है.

हाल के दिनों में, अत्यधिक रोगजनक बर्ड फ्लू वायरस दुनिया भर में मुर्गियों और जंगली पक्षियों में बड़े पैमाने पर मृत्यु का कारण बना है. यह संक्रमण सील, बिल्लियों, मवेशियों और यहां तक ​​कि मवेशियों से मनुष्यों में भी फैल गया है , जिससे संभावित अगले महामारी वायरस का खतरा बढ़ गया है.

एमकेएस/एएस