नई दिल्ली, 13 अप्रैल . एक स्थानीय अदालत ने हाल ही में अपने आदेश में संशोधन करते हुए दिल्ली कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर वकालत करने की अनुमति दी है.
आरोपी जहां को 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में 14 मार्च 2022 को नियमित जमानत दी गई थी और उस पर दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ने की शर्त लगाई गई थी.
चूंकि इशरत जहां एक पेशेवर वकील हैं और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामांकित हैं, उसने उपरोक्त राहत की मांग करते हुए कहा कि जमानत मिलने के बाद से, उसने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है और हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है.
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने कहा, “याचिका में कहा गया है कि आवेदक (जहां) के अच्छे आचरण को ध्यान में रखते हुए जमानत आदेश को संशोधित किया जाए और आवेदक को वांछित राहत दी जाए.”
अभियोजन पक्ष ने जहां के आवेदन का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अदालत ने पहले ही उसे उचित स्वतंत्रता दे दी है और उस अवधि के दौरान उसके पिछले आचरण को देखते हुए जब उसके द्वारा कथित अपराध किए गए थे, उसे और राहत नहीं दी जानी चाहिए.
हालांकि, न्यायाधीश बाजपेयी ने कहा कि जमानत दिए जाने के बाद से जांच एजेंसी या अभियोजन पक्ष ने अदालत के ध्यान में कोई तथ्य नहीं लाया कि जहां ने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन किया है.
इस प्रकार, अदालत ने जहां के जमानत की शर्त को संशोधित करना उचित समझा.
तदनुसार, अदालत ने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि जहां अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएगी.
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एकेजे/