New Delhi, 8 सितंबर . भारत के 20 प्रमुख वरिष्ठ वकीलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की चारा घोटाले में दोषी लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने पर नाराजगी जाहिर की है.
एक संयुक्त बयान जारी कर वकीलों ने कहा कि यह मुलाकात संवैधानिक पद के उम्मीदवार के फैसले पर सवाल खड़े करती है और न्यायिक नैतिकता को ठेस पहुंचाती है.
बयान में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं. ऐसे में रेड्डी का उनसे मिलना एक गंभीर चूक है. यह न केवल उनके फैसले पर सवाल उठाता है, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को भी नुकसान पहुंचाता है.
वकीलों ने कहा कि जो लोग खुद को संवैधानिक मूल्यों का रक्षक बताते हैं, वे इस तरह के हस्तक्षेप में पक्षपात दिखा रहे हैं. उन्होंने जनता से इस मुद्दे पर गौर करने की अपील की है.
वकीलों ने जोर दिया कि उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए उम्मीदवार को ऐसी गलतियों से बचना चाहिए. यह घटना न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़ी करती है.
बयान जारी करने वालों में Haryana के पूर्व महाधिवक्ता बलदेव महाजन, अनिल सोनी, परवेज नाजमी, अरुण भारद्वाज, अजय बुस्सा, अशोक सिंह, सोनिया माथुर, रवि प्रकाश, कीर्ति उप्पल, संजय पोद्दार, सुनील दलाल, बेनी चटर्जी, संजीव देशपांडे, राम आप्टे, अभय खंडेपारकर, संजीव गोवर्धनकर, चेतन मित्तल, जमशेद मिस्त्री जैसे वरिष्ठ वकील शामिल हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य मोतिसिंग मोहता, मिलिंद पाटिल, पारिजात पांडे और सुभाष घाटगे ने भी हस्ताक्षर किए हैं. ये सभी उच्च न्यायालयों और Supreme court में प्रैक्टिस करने वाले वकील हैं.
बताया जा रहा है कि वकीलों की प्रतिक्रिया के बाद यह राजनीतिक बहस का मुद्दा बन सकता है. उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले यह मुद्दा विपक्ष के उम्मीदवार की छवि पर असर डाल सकता है. वकीलों ने कहा कि संवैधानिक पदों के लिए उम्मीदवारों को नैतिकता का पालन करना चाहिए, ताकि जनता का भरोसा बना रहे.
–
एसएचके/वीसी