नई दिल्ली, 9 अप्रैल . केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 2.16 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों ने डेडिकेटेड पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (पीएआई) पोर्टल पर अपना डेटा दर्ज किया है, जिसमें फाइनल इंडेक्स में शामिल किए जाने से पहले हर एंट्री का कड़ाई से सत्यापन किया गया है.
सरकार ने देश भर में 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों (जीपी) की प्रगति को मापने के लिए पीएआई लॉन्च किया.
‘पीएआई 2022-23’ के आंकड़ों के अनुसार, अब 35.8 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को ‘प्रदर्शनकारी’ के रूप में मान्यता दी गई है, जबकि 61.2 प्रतिशत को ‘आकांक्षी’ के रूप में पहचाना गया है, जबकि गुजरात और तेलंगाना सबसे आगे बने हुए हैं.
पीएआई स्थानीय सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के नौ विषयों पर पंचायतों के प्रदर्शन को दर्शाता है. इसमें पंचायत में गरीबी मुक्त और बेहतर आजीविका, स्वस्थ पंचायत, बाल-अनुकूल पंचायत, जल-पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ और हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला-अनुकूल पंचायत शामिल हैं.
स्टेटवाइज गुजरात 346 ग्राम पंचायतों के साथ सबसे आगे है, उसके बाद 270 ग्राम पंचायतों के साथ तेलंगाना का स्थान आता है.
उच्च प्रदर्शन करने वालों में गुजरात से 13,781, महाराष्ट्र से 12,242, तेलंगाना से 10,099, मध्य प्रदेश से 7,912 और उत्तर प्रदेश से 6,593 शामिल हैं.
जबकि, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में आकांक्षी ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है.
2022-23 के पीएआई डेटा से पता चलता है कि 2,55,699 ग्राम पंचायतों में से 2,16,285 ने मान्य डेटा प्रस्तुत किया. 699 यानी 0.3 प्रतिशत पंचायतें सबसे आगे रहीं. इसके बाद 77,298 यानी 35.8 प्रतिशत पंचायतें प्रदर्शनकारी, 1,32,392 यानी 61.2 प्रतिशत आकांक्षी और 5,896 यानी 2.7 प्रतिशत ग्राम पंचायतें शुरुआती स्तर पर थीं.
पीएआई एक समग्र सूचकांक है और इसे 435 यूनिक लोकल इंडीकेटर (331 अनिवार्य और 104 वैकल्पिक) के आधार पर संकलित किया गया है, जिसमें सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के नेशनल इंडीकेटर फ्रेमवर्क (एनआईएफ) के साथ जुड़े एलएसडीजी (सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण) के 9 विषयों में 566 यूनिक डेटा बिंदु शामिल हैं.
पीएआई सहभागी, निचले स्तर से विकास के माध्यम से एसडीजी 2030 एजेंडा को प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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एसकेटी/एबीएम