कैमरून में फंसे झारखंड के 19 मजदूर, वतन वापसी के लिए सरकार से लगाई गुहार

रांची, 14 अगस्त . Jharkhand के बोकारो और हजारीबाग जिले के 19 मजदूर अफ्रीकी देश कैमरून में फंस गए हैं. मजदूरों ने social media पर वीडियो साझा कर अपनी खराब हालत बयान की और केंद्र एवं राज्य Government से तत्काल वतन वापसी के लिए हस्तक्षेप की अपील की है.

मजदूरों का कहना है कि वे एक एजेंसी के जरिए यहां बिजली ट्रांसमिशन से जुड़े काम में मजदूरी करने आए थे. जिस कंपनी में वे काम कर रहे हैं, उसने उनका चार महीने का वेतन रोक रखा है. वेतन बंद होने से उनके सामने खाने-पीने और अन्य बुनियादी जरूरतों का संकट खड़ा हो गया है.

मजदूरों ने वीडियो संदेश में कहा है कि पैसे के अभाव में वे दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं और बीमारी की हालत में इलाज कराना भी मुश्किल हो गया है. इन मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा, महेन्द्र हांसदा एवं बब्लू सोरेन और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं.

प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने Government से इनकी सुरक्षित वापसी के लिए कूटनीतिक पहल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि विदेशों में मजदूरों के फंसने का यह कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी कई बार अधिक वेतन के लालच में मजदूर विदेश जाकर मुश्किल हालात में फंस चुके हैं, जिनकी वापसी के लिए लंबी प्रक्रिया अपनानी पड़ी थी.

सिकंदर अली का कहना है कि Government को प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए राज्य में ही रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे, ताकि मजदूर जोखिम उठाकर विदेश जाने को मजबूर न हों.

एसएनसी/डीएससी