पुणे, 30 मई . ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद शुक्रवार को पुणे के खडकवासला स्थित एनडीए परिसर में हुई 148वीं पासिंग आउट परेड में 17 महिला कैडेट्स ने इतिहास रच दिया.
दरअसल, एनडीए के इतिहास में पहली बार हुआ है जब महिला कैडेट्स ग्रेजुएट हुई. यहां 300 से अधिक पुरुष कैडेट्स के साथ 17 महिला कैडेट्स ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की. अब यह महिला कैडेट्स देश की सेनाओं में जाकर देश की सेवा करेंगी.
परेड के दौरान मिजोरम के राज्यपाल जनरल विजय कुमार सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आज अकादमी के इतिहास में एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण दिन है. आज एनडीए से महिला कैडेट्स का पहला बैच पास आउट हुआ है. यह सबसे बड़ी समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में हमारी सामूहिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. ये युवा महिलाएं ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक हैं, जो न केवल महिला विकास बल्कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि ये लड़कियों के लिए ट्रेनिंग का अंत नहीं है, बल्कि नई संभावनाओं की शुरुआत है.
उन्होंने सभी कैडेट्स के प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि यहां आना मेरे लिए सम्मान की बात है. एनडीए के बारे में आपको जो बात सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह यह है कि कुछ भी नहीं बदला है, बल्कि सब कुछ बदल गया है. समय के साथ विकसित होते हुए भी इसके मूल मूल्य मजबूत बने हुए हैं. आज, 17 महिला कैडेट पास आउट हुईं, लेकिन आप उन्हें पहचान नहीं पाए. एनडीए ने उन्हें एकीकृत करने के लिए कितनी सहजता से काम किया है, इसकी खूबसूरती यही है. यह एक बदलाव की शुरुआत है जो उस समय के साथ तालमेल बिठाता है जिसमें हम आगे बढ़ रहे हैं.
इस अवसर पर वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह भी मौजूद थे. एक औपचारिक फोटो सत्र आयोजित किया गया, जिसमें एनडीए से पास होने वाली पहली महिला कैडेट्स को दिखाया गया, जो राष्ट्रीय रक्षा में अधिक समावेशी भविष्य के प्रतीक के रूप में खड़ी थीं. परेड से पासआउट होने वाली यह महिलाएं भविष्य में उन महिलाओं के लिए एक उम्मीद के तौर पर उभरेंगी जो देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती हैं.
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डीकेएम/एएस