वंदे मातरम के 150 वर्ष: एनसीसी कैडेट्स पहुंचे वृद्धाश्रम, वृद्धजनों से ली देशभक्ति की सीख

जम्मू, 7 नवंबर . वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के मौके पर Friday को 8 जम्मू कश्मीर बटालियन एनसीसी के तहत 20 सीनियर विंग और 20 सीनियर/जूनियर डिवीजन एनसीसी कैडेट्स वृद्धाश्रम पहुंचे. यह दौरा न सिर्फ एक सामाजिक गतिविधि थी बल्कि देशभक्ति और सेवा की भावना को भी मजबूत करने वाला अवसर था. कैडेट्स ने वृद्धाश्रम में रहने वालों के साथ समय बिताया, उनकी जिंदगी की कहानियां और अनुभव सुनें.

कैडेट्स ने छोटे-छोटे उपहारों के रूप में बुजुर्गों को गर्म कपड़े भी वितरित किए. इस अवसर पर वृद्धाश्रम के सचिव डॉ. दिनेश गुप्ता ने कैडेट्स की पहल की सराहना की और उन्हें आगे भी ऐसी समाजसेवा गतिविधियों में सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित किया.

उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के साथ समय बिताना बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्हें अक्सर साथी और भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है.

इस मौके पर 8 जम्मू कश्मीर बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर ने कहा कि इस तरह के दौरे एनसीसी के पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा हैं. ये गतिविधियां कैडेट्स में सहानुभूति, सामाजिक जिम्मेदारी और मानवता की सेवा की भावना को जाग्रत करती हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे दौरे कैडेट्स को सिर्फ सामाजिक अनुभव ही नहीं देते, बल्कि उन्हें यह भी सिखाते हैं कि देश और समाज के प्रति समर्पण और सम्मान किस तरह से निभाया जा सकता है.

इस दौरे से कैडेट्स को न सिर्फ समाजसेवा का अनुभव मिला, बल्कि उन्हें वंदे मातरम की भावना, देशभक्ति, सम्मान और सेवा की प्रतिबद्धता को मजबूत करने का अवसर भी मिला.

वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ बिताया गया समय दोनों के लिए यादगार रहा. कैडेट्स ने न सिर्फ बुजुर्गों की कहानियों को सुना बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा भी ली, जो उन्हें आगे सामाजिक कार्यों और देश की सेवा में और उत्साहित करेगी.

आपको बता दें कि वंदे मातरम की रचना 7 नवंबर 1875 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी. यह गीत उनकी प्रसिद्ध कृति आनंदमठ के हिस्से के रूप में प्रकाशित हुआ था. इस वजह से हर साल 7 नवंबर को विशेष आयोजन किए जाते हैं.

पीआईएम/एबीएम