नोम पेन्ह, 26 जुलाई . कंबोडिया के प्रीह सिहानुकराजा बौद्ध विश्वविद्यालय के आईटी सेंटर से Saturday को 150 छात्रों ने पढ़ाई पूरी की. यह सेंटर India Government की मदद से मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) के तहत एक क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट (क्यूआईपी) के रूप में स्थापित किया गया था. स्नातक समारोह में भारतीय दूतावास के अधिकारियों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने छात्रों को प्रमाण पत्र दिए.
एमजीसी के तहत India हर साल कंबोडिया में पांच सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के लिए प्रति परियोजना 50,000 अमेरिकी डॉलर की सहायता देता है.
एमजीसी की स्थापना नवंबर 2000 में भारत, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए हुई थी. वर्ष 2015-18 के दौरान India ने कंबोडिया में कृषि, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण, क्षमता निर्माण, स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में 15 क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट शुरू किए, जिन्हें खूब सराहना मिली.
2018 में कंबोडिया के Prime Minister हुन सेन की India यात्रा के दौरान Prime Minister Narendra Modi ने इन परियोजनाओं की संख्या को पांच से बढ़ाकर दस करने की घोषणा की थी. अब तक 48 परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें से 31 पूरी हो चुकी हैं और 17 पर काम चल रहा है.
India और कंबोडिया के बीच ऐतिहासिक रिश्ते हिंदू और बौद्ध धर्म के सांस्कृतिक प्रभावों पर आधारित हैं. कंबोडिया में बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिंदू रीति-रिवाज, मूर्तिपूजा और पौराणिक कथाओं का गहरा प्रभाव है. India ने 1952 में कंबोडिया के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए, जो 1953 में कंबोडिया की फ्रांस से आजादी से पहले शुरू हो गए थे. आजादी के बाद India को कंबोडिया में एक करीबी दोस्त और प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखा गया.
दोनों देशों के बीच नियमित Political और आधिकारिक स्तर पर बातचीत, द्विपक्षीय दौरे, सहायता, क्षमता निर्माण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विकास परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण और मंदिरों के जीर्णोद्धार ने इस रिश्ते को और मजबूत किया है.
आईटी सेंटर जैसे प्रोजेक्ट न केवल कंबोडिया के युवाओं को तकनीकी शिक्षा दे रहे हैं, बल्कि India और कंबोडिया के बीच दोस्ती को भी बढ़ा रहे हैं. इस समारोह में शामिल हुए छात्रों और शिक्षकों ने India की इस मदद की सराहना की और इसे दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक बताया.
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वीकेयू/एबीएम