हिमाचल प्रदेश: सोलन जिले में 150 पंचायतें बारिश से प्रभावित, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी

सोलन, 9 अगस्त . Himachal Pradesh के सोलन जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई, जिससे करीब 150 पंचायतें प्रभावित हुईं.

जिला परिषद अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है. उनका कहना है कि बारिश के कारण टूटी सड़कों और भूस्खलन ने ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन को पूरी तरह ठप कर दिया है. सबसे ज्यादा संकट टमाटर किसानों पर मंडरा रहा है, जिनकी तैयार फसल बाजार तक नहीं पहुंच पा रही. अगर मौसम और खराब हुआ तो फसल सड़ने का खतरा है, जिससे किसानों की सालभर की मेहनत बर्बाद हो सकती है.

रमेश ठाकुर ने बताया कि जिले में भारी बारिश के कारण कई सड़कें मलबे और भूस्खलन की चपेट में आ गई हैं. इससे न केवल किसानों की उपज बाजार तक पहुंचने में बाधा आ रही है, बल्कि ग्रामीणों का दैनिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है. टमाटर की फसल इस समय तैयार है, लेकिन बंद रास्तों के कारण किसान इसे बेचने में असमर्थ हैं.

उन्होंने प्रशासन से तत्काल सड़कों की मरम्मत और रास्ते खोलने की मांग की है, ताकि किसान अपनी उपज को समय पर बाजार पहुंचा सकें और आर्थिक नुकसान से बच सकें. स्थानीय किसानों का कहना है कि टमाटर की खेती उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत है. इस बार अच्छी फसल की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया.

जिला परिषद अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने बताया कि जिले की कुल 240 पंचायतों में से लगभग 150 पंचायतें भारी बारिश से प्रभावित हुई हैं. अगर तुरंत राहत कार्य शुरू नहीं किए गए तो ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

उन्होंने संबंधित विभागों से सड़कों की सफाई, मलबा हटाने और बुनियादी सुविधाओं की बहाली के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की.

किसानों का कहना है कि हमारी फसल सड़ रही है. अगर सड़कें जल्द नहीं खुलीं तो हम बर्बाद हो जाएंगे.

रमेश ठाकुर ने प्रभावित किसानों के लिए आर्थिक सहायता और मुआवजे की भी मांग की. स्थानीय लोग और किसान प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं.

वहीं, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है. ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सड़कों को जल्द से जल्द खोलना और किसानों की उपज को बाजार तक पहुंचाने में मदद करना है.

एकेएस