दक्षिण कोरिया : सोल में 14,000 पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती, अदालत सुनाएगी राष्ट्रपति यून के महाभियोग पर फैसला

सोल, 1 अप्रैल . संवैधानिक न्यायालय 5 अप्रैल दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल के महाभियोग मामले में फैसला सुनाने वाला है. इसे देखते हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा तैयारियां की जा रही हैं.

दक्षिण कोरियाई पुलिस ने सोल में लगभग 14,000 कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है.

राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने पुलिस बलों को ‘गैफो’ अलर्ट पर रखा है, जो उच्चतम स्तर है और सभी उपलब्ध पुलिस बलों को आपातकालीन स्टैंडबाय पर रखता है.

सभी संवैधानिक न्यायालय के जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस संवैधानिक न्यायालय परिसर में घुसने का प्रयास करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर लेगी.

यदि यून फैसले के लिए अदालत में उपस्थित होते हैं, तो पुलिस राष्ट्रपति निवास से संवैधानिक न्यायालय तक के मार्ग को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाएगी और रास्ते में उनके पक्ष या विपक्ष में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को अलग करेगी.

महाभियोग केस में फैसले की तारीख की घोषणा के तुरंत बाद ग्वांगह्वामुन स्क्वायर के पास यून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने, [जहां वे रात भर धरना दे रहे थे], इसका स्वागत किया और निलंबित राष्ट्रपति को ‘तत्काल पद से हटाने’ के नारे लगाए.

लॉयर्स फॉर ए डेमोक्रेटिक सोसाइटी के अध्यक्ष यून बोक-नाम, [जिन्हें मिनब्यून के नाम से भी जाना जाता है], ने बताया कि यून के महाभियोग के फैसले की तारीख ‘बहुत देर से आई है, लेकिन फिर भी यह राहत की बात है.’

हालांकि, संवैधानिक न्यायालय के पास यून समर्थक प्रदर्शनकारियों ने कोरियाई और अमेरिकी झंडे लहराते हुए ‘महाभियोग खारिज करो’ के नारे लगाए.

पुलिस ने कथित तौर पर न्यायालय की घोषणा के बाद मंगलवार दोपहर तक संवैधानिक न्यायालय के पास लगभग 3,200 कर्मियों को तैनात कर दिया.

योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक न्यायालय यदि महाभियोग प्रस्ताव को बरकरार रखता है, तो यून को पद से हटा दिया जाएगा. अगर इसे खारिज कर दिया जाता है, तो उन्हें मई 2027 तक अपने शेष कार्यकाल को पूरा करने के लिए बहाल कर दिया जाएगा.

यून की कानूनी टीम ने कहा कि फैसले के लिए अदालत में उनकी उपस्थिति अभी भी अनिश्चित है.

यून पर मार्शल लॉ लागू करके संविधान का उल्लंघन करने के आरोप में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था.

बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा लेकिन इसने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया.

नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया. प्रधानमंत्री हान डक-सू ने उनकी जगह ली लेकिन उनके खिलाफ भी महाभियोग पारित हुआ. इसके बाद उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभालने लगे. हालांकि 24 मार्च को संवैधानिक न्यायालय ने प्रधानमंत्री हान डक-सू के महाभियोग को खारिज कर दिया और उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बहाल कर दिया.

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