जीएसटी सुधार से 140 करोड़ लोगों को फायदा, 315 वस्तुओं पर टैक्स घटा : निर्मला सीतारमण

मदुरै, 19 सितंबर . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Friday को तमिलनाडु फूडग्रेन्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के 80वें वार्षिकोत्सव में भाग लिया. मदुरै के आईडीए स्कडर ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में उन्होंने GST सुधारों को “राष्ट्र का दिवाली उपहार” बताया और कहा कि इससे 140 करोड़ लोगों को लाभ होगा.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु फूडग्रेन्स मर्चेंट्स एसोसिएशन को 80 वर्षों की उपलब्धियों के लिए बधाई दी और शक्ति मसाला, इधायम जिंजेली ऑयल जैसे व्यवसायों की चार-पांच पीढ़ियों की सफलता की सराहना की.

सीतारमण ने कहा, “1977 में एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों के लिए गुणवत्ता मानक स्थापित किए. उनकी एगमार्क मुहर गुणवत्ता की गारंटी है.” GST सुधार को एक क्रांति बताते हुए उन्होंने बताया कि व्यापारियों की संख्या 65 लाख से बढ़ाकर 1.51 करोड़ कर दी गई.

उन्होंने कहा, “315 वस्तुओं पर टैक्स घटाकर दो स्लैब में लाया गया. दूध, पनीर और दही पर GST 5 से घटाकर 0 प्रतिशत किया गया. 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर अब 5 प्रतिशत है.” सीतारमण ने बताया कि GST सुधारों से लोगों के हाथों में 2 लाख करोड़ रुपए पहुंचे और व्यापार में दस गुना वृद्धि हुई.

विपक्ष के दावों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, “यह गलत है कि हमने social media दबाव में टैक्स कम किया. यह फैसला GST परिषद और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने मिलकर लिया.”

सीतारमण ने स्पष्ट किया, “मोदी Government और एनडीए को ऊंची दरें लागू कर कम करने का नाटक करने की जरूरत नहीं.” उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने नवरात्रि से पहले टैक्स कम करने का निर्देश दिया था.

सीतारमण ने नगरपालिका कर कम करने को ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि अगर अर्थव्यवस्था में तेजी रही, तो दोनों GST स्लैब को एक में मिलाया जा सकता है. उन्होंने उत्पादन प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे निर्माताओं को लाभ हुआ.

मदुरै को प्राचीन शहर बताते हुए उन्होंने कहा, “मदुरै, तिरुप्पुर और कोयंबटूर के साथ सेलम, रामनाथपुरम, विरुधुनगर और कुड्डालोर में भी औद्योगिक प्रगति जरूरी है.”

एसोसिएशन के संस्थापक एस.पी. जयप्रकाशम और प्रोफेसर रामा श्रीनिवासन को धन्यवाद देते हुए सीतारमण ने कहा कि 1945 से यह संगठन भोजन की आवश्यकता को समझता रहा और दिल्ली तक व्यापारियों की मांगें पहुंचाता रहा. उन्होंने इसे देश के लिए अनुकरणीय मॉडल बताया.

एससीएच