नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद 1,211 झटके किए गए महसूस

ल्हासा, 9 जनवरी . नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में इस सप्ताह के शुरू में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद गुरुवार दोपहर 3 बजे तक कुल 1,211 झटके महसूस किए गए. स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

क्षेत्रीय भूकंप ब्यूरो के अनुसार, सबसे बड़ा झटका 4.4 तीव्रता का था, और यह 7.1 तीव्रता वाले भूकंप के केंद्र से लगभग 18 किलोमीटर दूर आया. ब्यूरो ने यह भी बताया कि 33 झटकों की तीव्रता 3 से अधिक थी.

मंगलवार को आए 7.1 तीव्रता वाले भूकंप में 126 लोगों की जान चली गई और 188 अन्य घायल हो गए. कुल 407 फंसे हुए लोगों को बचाया गया है.

चीन की रेड क्रॉस सोसाइटी (आरसीएससी) ने मंगलवार रात को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री का दूसरा बैच आवंटित किया, जिसमें सूती टेंट, रजाई और फोल्डिंग बेड जैसी 4,300 वस्तुएं शामिल थीं.

समाचार एजेंसी श‍िन्‍हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आरसीएससी द्वारा 50 से अधिक बचावकर्मियों को भी क्षेत्रों में भेजा गया, जो आपातकालीन सेनेटरी शौचालय, खानपान वाहन और कैंपर वाहन के अलावा अन्य आपातकालीन प्रतिक्रिया आपूर्ति लेकर आए.

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने पुष्टि की है कि भूकंप मंगलवार सुबह 6:35 बजे (आईएसटी) आया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.86 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.51 डिग्री पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर था. स्थान की पहचान नेपाल की सीमा के पास शिजांग (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र) के रूप में की गई थी.

शिगाजे (शिगात्से) में डिंगरी के चांगसुओ टाउनशिप के टोंगलाई गांव में कई घर ढह गए हैं.

भूकंप ने पूरे उत्तर भारत में भी झटके महसूस किए, जिसका असर बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों पर पड़ा, जिससे लोग घबरा गए और अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, भारत में अभी तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं है.

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने भूकंप का स्थान नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में बताया. लोबुचे काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व और एवरेस्ट बेस कैंप से 8.5 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में खुंबू ग्लेशियर के पास स्थित है.

एससीएच/