Thursday , 30 March 2023

प्रदेश में विभिन्न विभागों के 1,10,279 संविदाकर्मी:नियमित के नाम पर धोखा : 44 हजार चिकित्सा संविदाकर्मी हो सकते हैं बाहर

जयपुर Jaipur .सरकार ने संविदा पर काम करने वालों को नियमित करने की घोषणा तो कर दी, लेकिन वर्ष 2023-24 में बजट में आईएएस पेटर्न पर अनुभव गिना जाएगा. बेवजह नियमों में छेड़छाड़ कर आईएएस कैडर की तर्ज पर कर्मचारियों के अनुभव की गणना की जा रही है. जिससे नियमित करने के नाम पर छलावा किया जा रहा है.

पेटर्न के हिसाब से 15 साल का अनुभव रखने से चिकित्सा एवं मेडिकल शिक्षा विभाग में 44 हजार 833 संविदा कर्मचारियों में से 44 हजार से ज्यादा नियमित होने से बाहर हो सकते है. जो कि 95% से भी ज्यादा है. पेटर्न के हिसाब से 15 साल काम करने वाला का सिर्फ 5 साल गिना जाएगा. सालों से नियमित होने का सपना देख रहे संविदा कर्मचारियों का सपना टूटता नजर आ रहा है.

ये है बजट घोषणा
मुख्यमंत्री ने 10 फरवरी को जारी बजट में संविदाकर्मियों को नियमित करने के नियम में संशोधन की घोषणा की है. बिन्दु संख्या 158 में लिखा है कि राजस्थान के संविदा कर्मचारियों को भी आईएएस चयन के समय पूर्व में की गई सेवा लाभ दिए जाने की तर्ज पर संविदा कर्मचारियों को भी नवीन नियमों में आने से पहले की सेवा लाभ दिए जाने की घोषणा करता हूं. इसके बाद से सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है. और आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है.

क्या है IAS पेटर्न
विशेषज्ञों के अनुसार आईएएस पेटर्न के आधार पर 3 साल का कार्य अनुभव सिर्फ एक साल जोड़ा जाता है. ऐसे में पिछले 15 साल से जो संविदा कर्मचारी काम कर रहे है. उनका अनुभव महज पांच साल हो जाएगा.

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