देवघर, 22 जुलाई . झारखंड के देवघर स्थित बाबा धाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेले के पहले ही दिन सोमवार को कांवरियों और श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. सुबह तीन बजे मंदिर का पट खुलने के बाद पारंपरिक कांचा जल पूजा और सरदारी पूजा हुई और इसके बाद अरघा से जलार्पण का सिलसिला शुरू हो गया.
सोमवार अपराह्न जलार्पण के लिए कांवरियों की करीब 10 किलोमीटर लंबी कतार लग गई.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा धाम में भगवान शंकर के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव प्रतिष्ठापित हैं. सावन के महीने में बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से लेकर जल लेकर प्रतिदिन लाखों कांवरिए यहां जलार्पण के लिए पहुंचते हैं.
धार्मिक पंचांग के अनुसार इस बार श्रावण में पांच सोमवार हैं और इसे विशिष्ट संयोग माना जा रहा है. प्रत्येक सोमवार को सबसे ज्यादा संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
सुल्तानगंज से बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में यह एशिया का सबसे लंबा धार्मिक मेला माना जाता है. मेले का उद्घाटन रविवार की शाम को झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर और दीपिका पांडेय सिंह ने किया था.
रविवार को गुरु पूर्णिमा के दिन हजारों कांवड़ियों ने सुल्तानगंज में गंगा से जल उठाया और देवघर तक की 108 किमी लंबी यात्रा के लिए निकल पड़े. हालांकि राजकीय तौर पर मेला शुरू होने के दो-तीन पहले ही बड़ी संख्या में कांवड़िए निकल पड़े थे. पूरे रास्ते में महीन रेत गिराई गई है, ताकि पैदल कांवरियों को सहूलियत हो. उनके विश्राम के लिए जगह-जगह टेंट सिटी बनाई है, जहां एक साथ 12 हजार से ज्यादा लोग विश्राम कर सकते हें. पैदल चलते कांवरियों पर जगह-जगह कृत्रिम जल वर्षा की भी व्यवस्था की गई है.
रास्ते में बिहार एवं झारखंड सरकार के साथ-साथ सैकड़ों संस्थाओं की ओर से सेवा एवं विश्राम शिविर बनाए गए हैं.
उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी गयी है. मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा की भी अनुमति नहीं दी गयी है. सोमवार को शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था भी स्थगित रखी गई है. दर्शनार्थियों की सुविधा के मद्देनजर अरघा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गयी है. मेला क्षेत्र में होल्डिंग पॉइंट, आवास, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, साफ-सफाई की भी व्यवस्था पर निगरानी की जा रही है. मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों को सेवा भाव और विनम्रता से सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है.
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एसएनसी/