जयपुर, 12 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान के पोखरण की अपनी यात्रा के दौरान ‘भारत शक्ति’ अभ्यास देखा, जिसमें तीनों सेनाओं के घरेलू रक्षा उपकरणों की शक्ति का प्रदर्शन किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की सराहना की और अन्य शक्तियों पर निर्भरता कम करने व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया. उन्होंने खाद्य तेल से लेकर आधुनिक विमान तक विभिन्न क्षेत्रों में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने पर भी जोर दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा, “रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत सशस्त्र बलों में आत्मविश्वास पैदा करता है.”
दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने और भारत को आत्मनिर्भर देश बनाने का सपना कोई नया नहीं है. लगभग 26 साल पहले, जब भारत ने 11 और 13 मई, 1998 को पोखरण रेंज में 5 परमाणु परीक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की, तो इसने देश की क्षमताओं के बारे में दुनिया को हतप्रभ और चकित कर दिया. उस समय भी उन्होंने इसे भारत की आत्मनिर्भरता की शक्ति और अभिव्यक्ति बताया था.
‘मोदी आर्काइव’ एक्स हैंडल द्वारा साझा की गई एक ऑडियो क्लिप में दिखाया गया है कि भाजपा कार्यकर्ता के रूप में नरेंद्र मोदी ने 998 में पोखरण परीक्षण के बाद कैसे दमदार भाषण दिया था और इसे बेहद गोपनीय और बेहद सफल ऑपरेशन बनाने के लिए देश के वैज्ञानिकों को सलाम किया था.
“100 टका स्वदेशी!” कहते हुए उन्होंने दावा किया था कि भारत के परमाणु परीक्षणों से पूरी दुनिया सदमे में है.
उनके तत्कालीन भाषण के अंश से यह भी पता चलता है कि उन्होंने 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षणों की सफलता का जश्न कैसे मनाया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कार्यक्रम में शामिल सभी वैज्ञानिक भारतीय थे, यहां तक कि उनकी शिक्षा भी भारत में हुई और कैसे उन्होंने स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके उपलब्धि हासिल की.
उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक ए.पी.जे.अब्दुल कलाम की भरपूर प्रशंसा की, जिन्हें 1998 के परमाणु परीक्षणों का श्रेय दिया जाता है. कलाम ने अपनी भारतीय शिक्षा के बारे में भी दावा किया था और वह भी तमिल भाषा में. वैज्ञानिक कलाम बाद में यशस्वी राष्ट्रपति बने.
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एसजीके/