मुंबई, 15 मार्च . शिवसेना नेता शाइना एन.सी. ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा वीर सावरकर को लेकर दिए बयान पर शनिवार को प्रतिक्रिया दी.
शाइना एन.सी. ने शनिवार को से कहा, “असदुद्दीन ओवैसी को देश के इतिहास के बारे में भी पढ़ना चाहिए. उन्हें यह भी पढ़ना चाहिए कि वीर सावरकर की क्या भूमिका थी? वह औरंगजेब को लेकर बयानबाजी करते हैं, मैं उनसे अनुरोध करूंगी कि वह ‘मआसिर-ए-आलमगिरी’ पढ़ें, जहां क्रूर शासक और मुगल सल्तनत के दिन-प्रतिदिन के कारनामों का पूरा रिकॉर्ड है. तब उन्हें पता चलेगा कि क्या बोलना चाहिए, क्यों बोलना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि अफसोस की बात यह है कि असदुद्दीन ओवैसी ने केवल तुष्टिकरण की राजनीति की और उसी तुष्टिकरण को आगे बढ़ाते हुए वह ऐसे विवादित बयान देते रहते हैं.
ओवैसी का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक पास होने से मुसलमानों की मस्जिदें छीनी जा सकती हैं. इस पर शिवसेना नेता ने कहा कि ओवैसी झूठे नैरेटिव फैलाने में नंबर एक हैं. मुस्लिम समुदाय को कोई खतरा नहीं है, किसी मस्जिद को कोई खतरा नहीं है. वह सिर्फ झूठे नैरेटिव फैलाना चाहते हैं. एनडीए के शासनकाल में मुस्लिम समुदाय पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और सशक्त हुआ है. दंगे और फसाद कम हुए हैं, लोगों की प्रगति हुई है, लोग आत्मनिर्भर और शिक्षित हुए हैं. मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति मिली है. मैं उनसे कहना चाहूंगी कि इन बदलावों को नजरअंदाज न करें.
संजय राउत द्वारा भाजपा शासन की तुलना औरंगजेब के शासन से करने पर शाइना एन.सी. ने कहा कि संजय राउत हर सुबह बड़बड़ाते रहते हैं. उन्हें किसी ने यह अधिकार नहीं दिया है कि औरंगजेब के ऊपर उनकी टिप्पणी करें. उन्होंने तो अपनी विचारधारा तब खो दी जब उन्होंने हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को ठुकरा दिया और महा विकास आघाड़ी के साथ सिर्फ सत्ता की मोह माया के लिए आ गए. संजय राउत को पहले अपने अंदर देखना चाहिए कि उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति क्यों की, उन्होंने हिन्दुत्व को क्यों ठुकराया?
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एफजेड/एकेजे