भारत ने बौद्ध धर्म के माध्यम से पूरी दुनिया में दिया शांति का संदेश : किरेन रिजिजू

नई दिल्ली, 22 मार्च . भारतीय हिमालयी नालंदा बौद्ध परंपरा परिषद (आईएचसीएनबीटी) की पहली आम सभा का शनिवार को नई दिल्ली में समापन हो गया. इस सभा में बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा देश बुद्ध की भूमि है और पूरी दुनिया इसे बुद्ध की भूमि के रूप में जानती है. एक महान राष्ट्र के रूप में नरेंद्र मोदी सरकार ने नालंदा परंपरा को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. भारत ने बौद्ध धर्म के माध्यम से पूरी दुनिया में शांति का संदेश दिया है. विशेष रूप से हिमालयन बेल्ट में शांति बनाए रखने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद इसे राज्यसभा में लाया जाएगा.

रिजिजू ने स्पष्ट किया, “हम इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा करेंगे. मुस्लिम संगठन भी जानते हैं कि यह विधेयक मुसलमानों की संपत्ति हड़पने के लिए नहीं है. इसके माध्यम से पारदर्शिता बढ़ेगी और गरीबों एवं महिलाओं को लाभ होगा. यह व्यवस्था के लिए है, न कि किसी की संपत्ति छीनने के लिए.”

उन्होंने आगे कहा, “वक्फ आज एक राजनीतिक विषय बन चुका है. एक समुदाय शांति की कामना करता है, जबकि दूसरा अशांति फैलाने की कोशिश करता है. लोग समझ रहे है कि इस तरह की मांग बेबुनियाद और संविधान के खिलाफ है. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां नागरिकों के अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हो सकता.”

दलाई लामा को भारत रत्न देने की संभावनाओं पर किरेन रिजिजू ने कहा कि इस पर सरकार ही निर्णय लेगी.

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