गुजरात : दवाओं की अवैध बिक्री रोकने के लिए प्रदेशव्यापी जांच अभियान

वलसाड, 9 जुलाई . गुजरात में मादक दवाओं के दुरुपयोग और अवैध बिक्री को रोकने के लिए गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी और राज्य पुलिस प्रमुख विकास सिंह ने Wednesday को राज्य भर के मेडिकल स्टोर में एक बड़ा जांच अभियान चलाया.

इस जांच का मुख्य उद्देश्य ‘नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज’ (एनडीपीएस) अधिनियम के अंतर्गत आने वाली दवाओं की बिना डॉक्टर के पर्चे की बिक्री, प्रतिबंधित दवाओं की मात्रा, नियमों के विरुद्ध दवाओं का अत्यधिक भंडारण और मेडिकल स्टोर्स द्वारा न रखी जा सकने वाली दवाओं की बिक्री तथा बिना डॉक्टर के पर्चे के नशीली दवाओं की बिक्री को रोकना है.

जांच अभियान में राज्य के सभी शहरों और जिलों में स्थानीय थाना प्रभारियों, स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी), विशेष अभियान समूह (एसओजी) और जिला खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों के समन्वय से व्यापक जांच की जा रही है.

यह कार्रवाई डीएसपी/डीसीपी की निगरानी में की जा रही है, जिसमें सभी थानों के प्रभारी अधिकारी अलग-अलग टीमें बनाकर मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर रहे हैं और विस्तृत जांच कर रहे हैं. यह जांच विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के पास स्थित मेडिकल स्टोर पर केंद्रित है, जहां नशीली दवाओं के दुरुपयोग की संभावना अधिक होती है.

बिना डॉक्टर के पर्चे के बेची जा रही दवाओं में ऐसी सामग्री पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसका नशे के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है. इनमें एमिडोपाइरिन, फेनासेटिन, नियालामाइड, क्लोरैम्फेनिकॉल, फिनाइलेफ्राइन, फ्यूराज़ोलिडोन, ऑक्सीफेनबुटाज़ोन और मेट्रोनिडाज़ोल शामिल हैं.

इन दवाओं को केवल डॉक्टर के पर्चे के साथ ही बेचा जाना चाहिए, और इनकी अवैध बिक्री स्वास्थ्य और समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है.

प्रदेशभर में दोपहर 12 बजे शुरू हुए इस जांच अभियान के तहत, वलसाड जिले में शाम 4 बजे तक 282 मेडिकल स्टोर्स की सघन जांच की गई. एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामले सहित कुल 45 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, सूरत शहर में 333 मेडिकल स्टोर की जांच की गई और एक मेडिकल स्टोर से 93 कोडीन सिरप और एक मेडिकल स्टोर से 15 कोडीन सिरप और पांच अल्प्राजोलम की बोतलें जब्त की गईं और कानूनी कार्रवाई की गई.

एससीएच/एबीएम