‘वैष्णव की फिसलन’, परसाई की कृति जो आज भी समाज को आईना दिखाती है
New Delhi, 21 अगस्त . आज के दौर में लोग अपने अंदर की कमी को दूर करने से ज्यादा दूसरों में कमी ढूंढने की तलाश में रहते हैं. लोगों को सोच ऐसी हो गई है कि उन्हें लगता है कि वह जो कहते हैं, बोलते हैं वह एकदम सही है और दूसरा व्यक्ति जो कह … Read more