ग्वालियर (Gwalior) . फाल्गुन का महीना शुरु होने के साथ ही गर्मी ने जेठ मास की गर्मी का अहसास कराना शुरु कर दिया है.दिन के समय जहांं तपिश बढ गई है वहीं रात को भी ठंडक गायब सी हो चली है. कृषि वैज्ञानिकों की माने तो तापमान अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो फसल जल्द पकने लगेगी और फसल में दाना कमजोर तो रहेगा ही साथ ही पैदावार में 10-12 प्रतिशत से अधिक पैदावार घटने की आशंका है.
बीते रोज अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान तीन डिग्री से ज्यादा बढ़कर 18.2 डिग्री रिकार्ड किया गया. अभी तक दिन का तापमान ही बढ़ रहा था, लेकिन अब रात के तापमान में भी बढ़ोतरी शुरू हो गई है. अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से 10 डिग्री ज्यादा है. जबकि न्यूनतम तापमान औसत तापमान से 12 डिग्री ज्यादा है. इस साल सर्दी कम पड़ी और गर्मी ज्यादा देखी गई. सर्दी समय से पहले गायब हो गई और गर्मी ने एक महीने पहले ही दस्तक दे दी है. इसका विपरीत असर फसलों पर पड़ रहा है.अंचल में तापमान बढ़ने से फसलों को नुकसान होगा. फसलें जल्द पकेंगीं जिससे दाना कमजोर होगा. जहां पानी की कमी है वहां ज्यादा समस्या आएगी. उन्होंने कहा कि अगर तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो काफी नुकसान की आशंका है.