मध्य प्रदेश : दमोह में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए वरदान, कौशल को मिल रही पहचान

दमोह, 17 अगस्त . केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना न केवल देश के करोड़ों कारीगरों के हुनर को तराश रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

मध्यप्रदेश के दमोह जिले में इस योजना के तहत बड़ी संख्या में लाभार्थियों को प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है.

मध्यप्रदेश के दमोह के तेंदूखेड़ा नगर परिषद के वार्ड नंबर 9 में रहने वाले सुनील विश्वकर्मा इस योजना के शानदार उदाहरण हैं.

सुनील ने योजना के तहत तेंदूखेड़ा सेंटर में साइकिल रिपेयरिंग की छह दिन की ट्रेनिंग प्राप्त की. इस प्रशिक्षण ने न केवल उनके कौशल को निखारा, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया.

सुनील ने कहा कि मेरी साइकिल रिपेयरिंग की छोटी सी दुकान थी, लेकिन इस योजना के बारे में सुनकर मैंने फॉर्म भरा और प्रशिक्षण लिया. मुझे छह दिनों की ट्रेनिंग के दौरान 3,000 रुपए की सहायता और 1,000 रुपए किराए के रूप में मिले. साथ ही, मुझे बताया गया कि मैं 3 लाख रुपए तक का बिना गारंटी वाला कर्ज ले सकता हूं, जिसमें पहली किस्त 1 लाख रुपए की होगी और दूसरी किस्त करीब 18 महीने बाद मिलेगी. मैं अपनी दुकान का विस्तार करने के लिए बैंक से कर्ज लेने की योजना बना रहा हूं.

इसी तरह तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बांदीपुरा ग्राम पंचायत के सुंदर लाल विश्वकर्मा ने भी इस योजना का लाभ उठाया. उन्होंने बताया, “ग्रामीणों से जानकारी मिली तो मैंने ऑनलाइन फॉर्म भरा और मेरा नाम लिस्ट में आ गया. ट्रेनिंग के दौरान मैंने वेल्डिंग का काम सीखा. पहले मैं दूसरों की दुकानों पर 250-300 रुपए की दिहाड़ी पर काम करता था, लेकिन अब इस प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र के आधार बैंक से कर्ज लेकर अपनी दुकान शुरू करूंगा. मैं पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने छोटे लोगों के लिए इतनी अच्छी योजना बनाई.”

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को 15,000 रुपए की टूलकिट और 3 लाख रुपए तक का बिना गारंटी वाला कर्ज प्रदान किया जाता है. यह योजना लोहार, कुम्हार, दर्जी, राजमिस्त्री और चर्मकार जैसे विभिन्न पेशों से जुड़े कारीगरों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी कर रही है.

एकेएस/एबीएम