नई दिल्ली (New Delhi) . दिल्ली मेट्रो के चालक रहित मेट्रो का परिचालन शुरू हो रहा है. मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम से बॉटेनिकल गार्डन नोएडा (Noida) ) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) वर्चुअल आयोजन के जरिए हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना करेंगे. मजेंटा लाइन 38 किलोमीटर लंबी लाइन है, जिसपर कुल 25 मेट्रो स्टेशन है. यह पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली से नोएडा (Noida) को जोड़ती है. यह लाइन डोमेस्टिक एयरपोर्ट को भी सीधे कनेक्ट करती है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने चालक रहित मेट्रो चलाने की पूरी तैयारी कर ली है. बीते दो साल से इसकी तैयारी की जा रही थी. बगैर चालक मेट्रो के सुरक्षित सफर को लेकर अगर आपके मन में सवाल है तो बताते चलें कि तकनीकी इस मेट्रो को और सुरक्षित बनाने वाली है. मेट्रो का दावा है कि चालक से एक बार गलती हो सकती है मगर चालक रहित मेट्रो से किसी भी दुर्घटना होने की संभावना नहीं है.
आइए जानें मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम से बॉटेनिकल गार्डन नोएडा (Noida) ) पर चालक रहित मेट्रो का आपके सफर को और सुरक्षित कैसे बनाने वाला है परिचालन की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी. इसमें ट्रेन के परिचालन से लेकर सिग्नलिंग सिस्टम तक जारी रहेगा. अगर कभी भी सिग्नलिंग की समस्या आती है तो उसकी सूचना सीधे कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी. इसके लिए सिग्नलिंग प्रणाली के टावर पर सेंसर्स लगाए गए हैं. अगर ट्रैक पर किसी तरह की खराबी भी आती है तो वह रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिये पता चल जाएगा. ट्रेन के दोनों तरफ हाई एंड सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा. इसके जरिये मेट्रो ट्रेन के आगे की लाइव फुटेज सीधे कंट्रोल रूम में देख सकेंगे. ट्रेन के अंदर लगे कैमरे की लाइव फुटेज भी कंट्रोल रूम में जाएगी. अगर कोई इमरजेंसी (Emergency) आती है तो यात्री सीधे कंट्रोल रूम में बैठे व्यक्ति से वीडियो चैट कर सकता है. उस पर तुरंत कार्रवाई होगी. ट्रेन में सेंसर्स लगे होंगे. यानी अगर ट्रैक पर कोई दरार होगी या 40 मिलीमीटर तक की कोई वस्तु पड़ी होगी उसे तुरंत ट्रेन में लगा सेंसर्स पकड़ लेगा. ट्रेन में ऑटोमैटिक ब्रेक लग जाएगा. यही नहीं, फायर डिटेक्शन सेंसर्स भी होंगे.
यही नहीं, अगर किसी दो ट्रेन के बीच की दूरी तय मानक से कम होगी तो पीछे वाली ट्रेन ऑटोमैटिक आगे नहीं बढ़ेगी. इससे दो ट्रेन के बीच टक्कर कभी नहीं हो सकेगी. डीएमआरसी शुरुआत में मेट्रो यात्रियों (Passengers) के लिए एक रोमिंग मेट्रो सहायक की तैनाती करेगा. यह सहायक ट्रेन के अंदर ही रहेगा. यात्रियों (Passengers) के बीच घूमता रहेगा. अगर किसी यात्री को कोई दिक्कत है. इमरजेंसी (Emergency) है तो वह रोमिंग मेट्रो सहायक उनकी मदद करेगा. शुरुआत में प्रत्येक ट्रेन में होंगे. उसके बाद यह एक ट्रेन को छोड़ दूसरे में मौजूद होगा. वर्तमान में डिपो से ट्रैक पर परिचालन के लिए ट्रेन को लाने में बहुत समय लगता है. डीएमआरसी का कहना है कि चालक रहित मेट्रो में यह समस्या खत्म हो जाएगी. अभी सुबह चार बजे से यह काम शुरू हो जाता है. मगर चालक रहित मेट्रो में यह सुबह 5 बजे से भी शुरू होगा तो भी तय समय पर परिचालन शुरू हो जाएगा.