भोपाल (Bhopal) . मध्य प्रदेश सरकार (Government) ने इस बार 40 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए किसानों का पंजीयन 15 अक्टूबर तक होगा. खरीद 25 नवंबर से शुरू होगी और एक माह से अधिक समय तक चलेगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का रिकार्ड बनाने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार (Government) धान की भी अब तक की सबसे बड़ी खरीद करने की तैयारी में जुटी है. मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान ने कृषि, सहकारिता और खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावधानियों पर जोर दिया जाए.
अच्छे मानसून की वजह से इस बार प्रदेश में 145 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोवनी की गई है. सोयाबीन के बाद धान का रकबा सर्वाधिक है. अतिवर्षा और बाढ़ की वजह से 16 लाख किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं, लेकिन ज्यादातर जगह धान की फसल अच्छी है. कृषि विभाग का अनुमान है कि इस बार उत्पादन अच्छा होगा. इस आधार पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने धान खरीद की तैयारियां शुरू की हैं. केंद्र सरकार (Government) को लक्ष्य स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा है. इसके अलावा अरहर खरीदने के लिए 376 करोड़ रुपये, उड़द के लिए 760 करोड़ और मूंग के लिए 24 करोड़ रुपये की खरीदी का प्रस्ताव बनाया है. उधर, पिछले साल खरीदा गया आठ लाख टन धान अब भी गोदामों में रखा है.
इसे मिलिंग के लिए जल्द ही मिलर को दिया जाएगा, ताकि वे चावल बनाकर दें और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उसका वितरण किया जा सके. सूत्रों का कहना है कि चावल की गुणवत्ता जांच के लिए लगभग एक माह से धान गोदामों से मिलिंग के लिए नहीं दिया गया है.निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि इस बार अच्छी खरीद की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र भी बढ़ाए जाएंगे.साथ ही धान भरने के लिए प्लास्टिक की बोरी का उपयोग किया जाएगा. धान के सुरक्षित भंडारण के लिए गोदामों की व्यवस्था देखी जा रही है. जरूरत पड़ने पर अस्थाई भंडारण केंद्र भी बनाए जाएंगे.