मंडी . 22 वर्ष की आयु में देश की सबसे युवा सरपंच का खिताब अपने नाम करने वाली जबना चौहान इस बार पंचायत चुनाव का हिस्सा नहीं बनेंगी. दरअसल, जबना चौहान ने ओरिएंटल फाउंडेशन के नाम से एनजीओ बनाई है. इसी के माध्यम से वह जनसेवा करने का निर्णय लिया है. जबना चौहान मंडी जिला के सराज क्षेत्र के तहत आने वाली थरजून पंचायत के केलोधार गांव की रहने वाली है. जबना चौहान ने इस बार पंचायत चुनाव न लड़ने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि वह एनजीओ के माध्यम से जनसेवा करना चाहती हैं.
जबना ने कहा कि उन्होंने अपनी पंचायत थरजून में स्वच्छता और नशाबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के जो प्रयास किए, उसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है. पंचायत में कई अहम विभागों के कार्यालय खुलवाए और मनरेगा सहित अन्य प्रकार के माध्यम से फंड लाकर पंचायत के विकास को एक नई दिशा देने का प्रयास किया.
उन्होंने कहा कि उन्हें सबसे युवा सरपंच के नाते देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों में जाकर अपनी बात रखने का मौका मिला, जोकि उनके लिए गर्व की बात है. बता दें कि 2016 में जबना चौहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनकर आई थी. उस वक्त जबना की आयु मात्र 22 वर्ष की थी और वह देश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच के रूप में जानी गई. ग्राम पंचायत थरजून में प्रधान पद इस बार भी महिला आरक्षित है, लेकिन जबना चौहान ने पंचायत चुनावों से पूरी तरह से किनारा कर लिया है. हिमाचल में तीन चरणों में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग होगी.