पटना (Patna) . भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद (Member of parliament) सुशील कुमार मोदी ने वामपंथी दल समर्थित अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसानों के ‘राजभवन मार्च’ को विफल करार देकर कहा कि किसानों ने एक महीने में दूसरी बार विपक्ष को करारा झटका दिया. बिहार (Bihar) के पूर्व उपमुख्यमंत्री (Chief Minister) मोदी ने कहा कि बिहार (Bihar) के किसान राजग सरकार के काम से संतुष्ट हैं, इसकारण कृषि कानूनों के विरुद्ध भारत बंद और राजभवन मार्च जैसे हथकंडे विफल रहे. किसानों ने एक महीने में दूसरी बार विपक्ष को करारा झटका दिया.
उन्होंने अपने अंदाज में कहा, सोफा लगाकर ट्रैक्टर पर बैठने और मुरेठा बांध लेने से हर कोई किसान नहीं हो जाता.”उन्होंने कहा कि 15 साल तक राजद सरकार की पालकी ढोने वाले वामपंथी नेता किसानों को मुंह दिखाने लायक नहीं हैं. वे पिछली विधानसभा में तीन सीट पर सिमट गए थे. मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के नंदीग्राम से बिहार (Bihar) के गांवों तक किसानों की बर्बादी के गुनहगार वामपंथी दल आंदोलन के नाटक से किसानों के हमदर्द दिखना चाहते हैं.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, यह कितना बड़ा छल है कि किसानों को सीमित बाजार और बंधे हुए दाम से आजादी देने वाले नए कृषि कानूनों के खिलाफ वे लोग पटना (Patna) में मार्च निकाल रहे थे, जिनके लोग विश्वविद्यालयों में चीख-चीख कर आजादी देने के नारे लगाते हैं. वे बताएं कि वे अन्नदाता को बिचौलियों-आढ़तियों से आजादी क्यों नहीं दिलाना चाहते?”